उत्‍तर प्रदेश

टूटेगी संभल की मस्जिद, इलाहबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका, याचिका खारिज

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की गौसुलवरा मस्जिद पर चल रहे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ मस्जिद कमिटी द्वारा दायर की गई याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. ध्वस्तीकरण पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है. संभल की गौसुलवरा मस्जिद कमेटी ने याचिका दाखिल की थी. प्रशासन की तरफ से मस्जिद कमिटी पर आरोप है कि यह मस्जिद तालाब की जमीन पर बनाई गई है.

पहले ट्रायल कोर्ट में अपील करिए’

कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए ध्वस्तीकरण पर रोक के लिए याची को ट्रायल कोर्ट में अपील दाखिल करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट में लगातार आज दूसरे दिन छुट्टी के दिन अर्जेंट बेंच बैठी और मामले की सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी की ओर से जमीन से जुड़े दस्तावेज पेश किया गया. हाईकोर्ट ने शुक्रवार की सुनवाई में मस्जिद की जमीन से जुड़े दस्तावेज मांगे थे. याची के अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी के मुताबिक कोर्ट की हस्तक्षेप के बाद उन्हें ध्वस्तीकरण का आदेश भी मिला है. बगैर ध्वस्तीकरण आदेश दिए मस्जिद के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही थी.

मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका निस्तारित कर दी है. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के खिलाफ पारित ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगाने की मांग में की गई है. याचिका पर जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच में सुबह 10:00 बजे हुई सुनवाई. मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग और मस्जिद के मुतवल्ली मिंजर की ओर से याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की मांग की गई थी. मस्जिद पक्ष की ओर से दलील दी गई की बारात घर को ध्वस्त कर दिया गया है. ध्वस्तीकरण के लिए 2 अक्टूबर गांधी जयंती और दशहरे का दिन चुना गया.

कोई बड़ा बवाल हो सकता था’

बुलडोजर कार्रवाई के दौरान भीड़ की वजह से कोई बड़ा हादसा या बवाल भी हो सकता था. आरोप है कि बारात घर तालाब की जमीन पर बना हुआ था. जबकि मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ है. हालांकि मस्जिद कमेटी की ओर से अवैध हिस्से को खुद हथौड़े से तोड़ा जा रहा है. याचिका में राज्य सरकार,डीएम व एसपी संभल, एडीएम, तहसीलदार और ग्राम सभा को पक्षकार बनाया गया है. मस्जिद की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक श्री त्रिपाठी ने रखा पक्ष. जबकि राज्य सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जे एन मौर्या और स्टैंडिंग काउंसिल आशीष मोहन श्रीवास्तव ने पक्ष रखा.

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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