रणजी ट्रॉफी स्टार शेल्डन जैक्सन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट को कहा अलविदा

नई दिल्ली:
सौराष्ट्र के दिग्गज बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने मंगलवार को प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। 38 वर्षीय जैक्सन ने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में टीम की हार के बाद अपने 15 साल लंबे करियर को विराम देने का फैसला किया।
15 साल का शानदार सफर
105 प्रथम श्रेणी मैचों में 7200 से अधिक रन, 21 शतक और 39 अर्धशतक—शेल्डन जैक्सन के करियर के ये आंकड़े उनकी काबिलियत और निरंतरता का प्रमाण हैं। 45 से अधिक की शानदार औसत के साथ उन्होंने खुद को भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 186 रन रहा, जो उनकी बड़ी पारियां खेलने की क्षमता को दर्शाता है।
2011 में रखा था प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम
शेल्डन जैक्सन ने 2011 में सौराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया। उनकी बल्लेबाजी ने टीम को मजबूती दी और 2012-13 के रणजी सत्र में पहली बार सौराष्ट्र को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी निरंतरता और प्रदर्शन के दम पर उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारत ए टीम में भी चुना गया था।
रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिए अहम योगदान
जैक्सन सिर्फ एक भरोसेमंद बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि एक कुशल विकेटकीपर और बेहतरीन फील्डर भी थे। सीमित ओवरों के क्रिकेट में उन्होंने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी निभाई। 2015-16 में जब सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता, तो उसमें जैक्सन का योगदान बेहद महत्वपूर्ण था।
सीमित ओवरों से पहले ही ले चुके थे संन्यास
पिछले महीने ही जैक्सन ने लिस्ट ए और टी20 क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। लिस्ट ए क्रिकेट में उन्होंने 84 पारियों में 2792 रन बनाए थे।
अंतिम मैच में दिए संघर्षपूर्ण प्रयास
गुजरात के खिलाफ अपने अंतिम प्रथम श्रेणी मैच में उन्होंने पहली पारी में 14 और दूसरी पारी में 27 रन बनाए। हालांकि, टीम को जीत नहीं दिला सके, लेकिन उनके प्रयासों ने एक बार फिर उनके समर्पण को दर्शाया।
शेल्डन जैक्सन—एक प्रेरणादायक सफर
15 वर्षों तक घरेलू क्रिकेट में चमक बिखेरने वाले जैक्सन अब नई पारी की ओर बढ़ रहे हैं। उनका करियर उन सभी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा है, जो भारतीय घरेलू क्रिकेट में खुद को स्थापित करने का सपना देखते हैं। उनकी बल्लेबाजी, धैर्य और मेहनत सौराष्ट्र क्रिकेट की कहानी का अहम हिस्सा रहे हैं और आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को हमेशा याद रखेंगी।