मुफ्ती शेख अबूबक्कर अहमद ने भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबू बकर अहमद उर्फ कंथापुरम एपी अबू बकर मुस्लियार ने भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने में अहम भूमिका निभाई है। 94 साल के बुजुर्ग मुस्लिम आलिम असंभव लगने वाले काम को कर दिखाया है।
केरल के कोझिकोड से ताल्लुक रखने वाले इस आलिम की आवाज न सिर्फ भारत बल्कि दक्षिण एशिया के सुन्नी समुदाय में गूंजती है।उनकी कोशिशों ने 37 साल की निमिषा को नई जिंदगी की उम्मीद दी है।
निमिषा पर 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है। फिलहाल की सजा-ए-मौत को टाल दिया गया है।शेख अबू बकर अहमद उर्फ कंथापुरम एपी अबू बकर मुस्लियार इस्लामी शरिया कानून के बड़े जानकार हैं।
भले ही यह खिताब सरकारी तौर पर नहीं मानी जाती है।लेकिन धार्मिक मुद्दे पर उनके ज्ञान का कोई सानी नहीं है। वह भारत में सुन्नी समुदाय के बड़े चेहरों में से एक हैं और 10वें ग्रैंड मुफ्ती के तौर पर जाने जाते हैं।