मानसून की कमजोर रफ्तार से किसानों में चिंता

अगस्त के पहले सप्ताह में मानसून की गति धीमी पड़ने से देश के कई हिस्सों में किसानों के बीच चिंता का माहौल है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि पिछले सात दिनों में औसत वर्षा सामान्य से लगभग 20% कम रही है। इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में देखा जा रहा है, जहां धान और मक्का की बुआई पर असर पड़ रहा है। किसान संगठनों का कहना है कि अगर अगले 10 दिनों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो खरीफ फसल की पैदावार प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि राज्य सरकारें ड्रिप इरिगेशन, जल संरक्षण और वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा दें ताकि नुकसान कम किया जा सके। वहीं, मौसम विभाग ने अगले हफ्ते से देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधि बढ़ने का अनुमान जताया है। कृषि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि समय पर बारिश लौटने से फसल को बचाया जा सकता है, लेकिन देरी की स्थिति में खाद्यान्न की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है, जिससे आम उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा।