बसंत पंचमी पर वाणी पुत्रों ने यज्ञशाला में बिखेरी बासंती- सुगंध

गोंडा।
गोंडा जिले के बेलसर ब्लाक के खमरौनी के शतचंडी महायज्ञ में बसंती पंचमी पर राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में रंग मंडप में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यज्ञ संरक्षक स्वामी रामसेवक दास त्यागी बापू ने कहा कि बसंत पंचमी को ज्ञान की देवी मां सरस्वती का अवतरण हुआ। कला की अधिष्ठात्री देवी की आराधना के क्रम में काव्य पाठ का आयोजन किया गया है। वाणी वंदना करते हुए लखन लाल मिश्र ‘शैलेन्द्र’ ने पढ़ा – मां शारदे! ज्ञान का सार दे। कवि अवधेश कुमार सिंह ने मां वाणी का आह्वान करते कहा-अद्भुत ज्ञान निखार दे, सब अज्ञान निकारि दे। राम कुमार मिश्र ‘कुमार’ ने अपने उद्गार व्यक्त करते पढ़ा- राम दिव्य ज्योति हैं प्रकाश पुंज आस्था के, बाल्मीकि तुलसी के ग्रंथ के वे प्राण हैं। प्रेमचंद मूडी ने राष्ट्र प्रेम की अलख जगाते हुए अपनी कविता में कहा-देश और राष्ट्र मेरा, शहर और गांव मेरा। मेरे लिए है महान कैसे भूल जाऊं। सम्मेलन में कविवर कृष्ण कुमार सिंह ‘दीप’, आशुतोष त्रिपाठी ‘आलोक’, की कविता भी सराही गई।