बगहा में खाद की किल्लत से नाराज़ किसान, NH-727 पर किया चक्का जाम…

बगहा में इन दिनों खाद की किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान की रोपनी का समय सिर पर है और ऐसे में खाद न मिलने से नाराज किसानों का गुस्सा फूट पड़ा।
. चम्पारण के बगहा में इन दिनों खाद की किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान की रोपनी का समय सिर पर है और ऐसे में खाद न मिलने से नाराज किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने यूपी-बिहार को जोड़ने वाली एनएच 727 पर पठखौली के पास कुछ देर के लिये सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी किसान सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। जाम के कारण स्कूल वैन, एंबुलेंस और दर्जनों वाहन घंटों तक फंसे रहे। किसानों का कहना है कि बार-बार डीलरों और अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद खाद की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में वे क्या करें। “जब खाद नहीं, तो सड़क क्यों खुले_। सड़क जाम कर रहे एक किसान ने कहा की धान की रोपनी के लिए यह समय बेहद अहम है। खाद नहीं मिलेगा तो फसल बर्बाद हो जाएगी। ऐसे में चुप बैठने का सवाल ही नहीं उठता।
वही इस संबध मे वाल्मीकिनगर के जदयू सांसद सुनील कुमार ने क्षेत्र में किसानो को हो रही यूरिया खाद के आभाव में परेशानी को दूर करने के लिए आज केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के सचिव से मिलकर बिहार के प. चम्पारण जिले में उपलब्धता सुनिश्चित करने का पत्र दिया। जिसमे सांसद ने लिखा है कि मेरे लोकसभा क्षेत्र वाल्मीकिनगर और मेरे गृह जिले पश्चिम चंपारण में खरीफ फसल धान व गन्ना के फसलों में छिड़काव के लिए विगत कई महीनों से युरिया की भारी किल्लत है। जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है। धान की रोपनी के बाद किसानों को फसलों में यूरिया छिड़काव की जरूरत होती है। ऐसे में यूरिया नहीं मिलने से किसान काफी निराशा की स्थिति में है। यूरिया की कमी से फसलों का विकास अवरुद्ध हो गया है। साथ ही फसलों में तरह-तरह के रोग लगने शुरू हो गये है। महोदय मेरे लोकसभा क्षेत्र की अधिकांश आबादी पूरी तरह कृषि पर आश्रित है। खरीफ फसल धान और गन्ना ही यहां के लोगों का मुख्य कृषि है। युरिया की किल्लत से यह फसल अगर प्रभावित होगा तो किसानों के लिए त्राहिमान की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।