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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश में बिहार की चर्चा क्यों की, इसका चुनाव पर क्या असर हो सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी दो दिन की मॉरीशस यात्रा को समाप्त कर दिया। वहां की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक अलंकरण से सम्मानित किया। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मुद्दों पर बहुत जोर दिया। आइए देखें इसके पीछे की राजनीति।

दिल्ल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम दो दिन की मॉरीशस यात्रा पूरी की और भारत लौट आए। PM मोदी की मॉरीशस यात्रा में दोनों देशों ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस यात्रा के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध नई उचाइयों को छुएंगे। PM मोदी की यात्रा में कई लाभ हुए।

इस यात्रा के दौरान उन्होंने बिहारी मूल के प्रवासियों के साथ संबंधों को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी ने वहां एक समारोह में भोजपुरी में अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल को बिहार का सुपरफूड मखाना और प्रयागराज के पवित्र संगम जल का जल पीतल और तांबे के कलश में भेंट किया। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल्द ही दुनिया भर में बिहार का मखाना शामिल होगा। उसने इस मौके पर बिहार के गौरव नालंदा विश्वविद्यालय का भी उल्लेख किया। PM मोदी की इन प्रयासों को भी बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे l

बिहार देश के उन कुछ राज्यों में शामिल है, जहां बीजेपी कभी भी अकेले सरकार बनाने में सफल नहीं हुई है। दो दशक से अधिक समय से बीजेपी बिहार में जेडीयू का जूनियर सहयोगी है। यही कारण है कि बीजेपी इस बार बिहार में बहुत अधिक जोर लगा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत से विदेशी अतिथियों को मधुबनी चित्र भेंट किए हैं। उसने कुवैत में भी बिहार के लोगों से मुलाकात की थी। विदेशी अतिथियों को मखाना भी देते हैं, जो बिहार की संस्कृति से जुड़ा हुआ है।

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