नगर आयुक्त के गार्डों पर उठा सवाल, मुरादाबाद धमकी मामले में चौंकाने वाला मोड़

उत्तरप्रदेश:
मुरादाबाद में नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल को धमकी देने के मामले में नया मोड़ सामने आया है, जिसने पूरे शहर को चौंका दिया है। पहले जहां तीन युवकों को आयुक्त को धमकाने और घर में घुसने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, वहीं अब पुलिस जांच में गार्डों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के बाद पुलिस ने तीनों युवकों को बेगुनाह मानते हुए रिहा कर दिया है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह पूरा विवाद मोबाइल फोन छीनने और पैसे मांगने को लेकर था। दरअसल, नगर आयुक्त के सुरक्षा कर्मियों ने पार्क में सेल्फी ले रहे युवकों का मोबाइल छीन लिया था और वापस करने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की। युवकों को कहा गया कि वे आयुक्त आवास पहुंचें, जहां वे मोबाइल ले सकते हैं। जब युवक वहां पहुंचे तो गार्डों ने उन्हें झूठे आरोप में फंसा दिया और पुलिस को सौंप दिया।
पूरे मामले में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसने पूछताछ में पूरी सच्चाई सामने रखी। पुलिस ने जब पीलीकोठी और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो युवक किसी भी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त नहीं पाए गए। इसके बाद पुलिस ने तीनों को निर्दोष मानते हुए छोड़ दिया और अब सुरक्षा कर्मियों की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं।
इस घटना के बाद शहर में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोगों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब नगर आयुक्त द्वारा किसी पर आरोप लगाए गए हों। वहीं, आश्चर्य की बात यह है कि अब तक खुद नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने इस पूरे मामले पर कोई बयान नहीं दिया है, जिससे संदेह और गहराता जा रहा है।