नेशनल ट्रेड यूनियन ने किया संपूर्ण भारत बंद करने का ऐलान

नेशनल ट्रेड यूनियन ने पूरे देश में भारत बंद का ऐलान किया है. पश्चिम बंगाल और केरल समेत कई राज्यों में बुधवार को भारत बंद का असर दिखा. केरल में चक्का जाम की कोशिश हुई. वहीं कई राज्यों में बैंक का कामकाज भी प्रभावित हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं. हड़ताल का कारण सरकार का नया श्रम कानून है. देश के 10 ट्रेड यूनियन विरोध प्रदर्शन में शामिल है।
कैरल के कोयंबटूर में तमाम बसें रोकी गई, जबकि कोझीकोड में भी भारत बंद का असर देखने को मिला। यहां सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद नजर आया. कोट्टायम में दुकानें और शॉपिंग मॉल बंद रहे। कोच्चि में सड़कें खाली नजर आई। यहां भी भारत बंद पूरी तरह से नजर आया।पश्चिम बंगाल के कोलकाता में वामपंथी दलों के यूनियन ने जादवपुर में पैदल मार्च निकाला और भारत बंद में हिस्सा लिया।
जादवपुर रेलवे स्टेशन पर हंगामा
जादवपुर रेलवे स्टेशन पर लेफ्ट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। कई कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन के अंदर घुस गए।बंद की वजह से कई जगहों पर ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है।कोलकाता में कुछ जगहों पर आगजनी की घटना भी हुई है। वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया।
जादवपुर रेलवे स्टेशन पर लेफ्ट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. कई कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन के अंदर घुस गए. बंद की वजह से कई जगहों पर ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है।कोलकाता में कुछ जगहों पर आगजनी की घटना भी हुई है।वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम करने की कोशिश, लेकिन मौके पर पुलिस भी पहुंच गई. पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को मौके से भगा दिया।
ट्रेड यूनियन क्यों कर रहे हैं हड़ताल
ट्रेड यूनियन की हड़ताल का अहम कारण सरकार के चार नई श्रम संहिताओं को लागू करना है। ट्रेड यूनियन का मानना है कि नई श्रम संहिताओं की वजह से काम के घंटे बढ़ेंगे और ऐसे में कंपनी के मालिकों को ज्यादा फायदा मिलेगा वहीं कर्मचारियों की दिक्कत बढ़ेगी।नई संहिता की वजह से हड़ताल करना भी मुश्किल होगा।उनका यह भी मानना है कि इसके कारण नौकरी और सैलरी खतरे में आ सकती है।