थाईलैंड–कंबोडिया तनाव: ट्रम्प की चेतावनी से क्षेत्रीय कूटनीति में हलचल

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में थाईलैंड–कंबोडिया सीमा विवाद को लेकर चीन की एकतरफ़ा सक्रियता पर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि दोनों देश चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती नहीं देंगे, तो वैश्विक स्तर पर परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद गुरुवार को हिंसक टकराव में बदल गया है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार इस संघर्ष में अब तक 11 नागरिकों की मौत हो चुकी है। थाई सेना के अनुसार, सबसे ज्यादा हताहत सिसा केट प्रांत में हुए, जहां एक पेट्रोल पंप पर गोलीबारी में छह लोगों की जान चली गई। तीन सीमा प्रांतों में कुल 14 लोग घायल बताए गए हैं।
बीते मई में हुई एक झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया है। अब हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पहले फायरिंग शुरू करने का आरोप लगाया है।
थाईलैंड की सेना ने पुष्टि की कि उसने कंबोडिया में स्थित कुछ लक्ष्यों पर हवाई हमले किए। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि थाईलैंड ने प्राचीन प्रेह विहेयर मंदिर के पास सड़क पर बम गिराए। थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरसंत कोंगसिरी ने बताया कि कंबोडिया से आई गोलीबारी में एक नागरिक की मौत हुई और एक पांच वर्षीय बच्चा समेत तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हालांकि अब मृतको की संख्या बढ़कर कुल 11 हो गई है।
इसके तुरंत बाद थाई और कंबोडियाई विदेश मंत्रालयों ने शांति और संवाद का आह्वान किया। ट्रम्प का यह बयान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनावों को भड़कने से रोकने हेतु अनुमानित रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प अब भी विदेश नीति को प्रभावित करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस घटना से स्पष्ट है कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों में पूर्व अमेरिकी सरकार की उपस्थिति अभी भी मायने रखती है, और इससे दक्षिण-पूर्व एशिया रणनीतियों की समीक्षा हो सकती है।