जैसलमेर में तीनों भारतीय सेनाएं ऑपरेशन त्रिशूल के नाम से कर रही है स्वंय को तैयार, सेनाओं ने किया सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास

भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके जैसलमेर में तीनों भारतीय सेनाएं ऑपरेशन त्रिशूल के नाम से एक्सरसाइज कर रही हैं. इस 12 दिवसीय अभ्यास के 11वें दिन भारतीय सेना ने विशाल युद्धाभ्यास ‘मरु ज्वाला’ किया. बता दें कि ये ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद से तीनों सेनाओं का सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास माना जा रहा है.
अभ्यास के दौरान ड्रोन से की गई दुश्मन के ठिकानों की पहचान
ऑपरेशन त्रिशूल एक्सरसाइज के तहत तीनों सेनाओं थल सेना, वायु सेना और नौसेना की यूनिटों ने एक साथ आतंकवादी ठिकानों और दुश्मन चौकियों पर एकजुट होकर हमले का प्रदर्शन किया. अभ्यास के दौरान ड्रोन से दुश्मन के ठिकानों की पहचान कर आस-पास के गांव खाली कराए गए. हेलीकॉप्टरों ने टी-90 टैंकों को कवर फायर दिया, जबकि एआई-सक्षम ड्रोन और रोबोटिक म्यूल ने सैनिकों तक हथियार और फर्स्ट एड पहुंचाई।
इस दौरान रेत के समंदर में टैंक, तोपें, हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट एक साथ कार्रवाई करते नजर आए. इस अभ्यास का नेतृत्व दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग- इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने किया. उन्होंने इसे सेना के “JAI मंत्र” Jointness, Atmanirbharta और Innovation का सजीव उदाहरण बताया. ‘मरु ज्वाला’ के ज़रिए स्वदेशी हथियारों, संचार प्रणालियों और काउंटर-ड्रोन तकनीकों को कठोर रेतीली परिस्थितियों में परखा गया. यह युद्धाभ्यास न सिर्फ शक्ति प्रदर्शन था, बल्कि आधुनिक युद्ध में भारतीय सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रमाण भी बना.



