स्टेशन मास्टर्स ने मनाया काला दिवस, ई.आई. रोस्टर और गर्मी से राहत की मांग

*गोण्डा*
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर देशभर के स्टेशन मास्टर्स ने आज एक मई को “काला दिवस” के रूप में मनाया। स्टेशन मास्टरों ने काली पट्टी और बैज लगाकर ड्यूटी निभाई और अपनी दो प्रमुख मांगों अमानवीय ई.आई. रोस्टर को बंद करने और एयर कंडीशनिंग की व्यवस्था को लेकर विरोध दर्ज कराया।
संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि स्टेशन मास्टर्स आज भी 12 घंटे की लंबी ड्यूटी करने को मजबूर हैं। जिसमें दो घंटे के विश्राम का प्रावधान होने के बावजूद, प्रशासनिक उपेक्षा के चलते उस पर भी अमल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों में ट्रेनों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे यह ड्यूटी रोस्टर अब असंवैधानिक और अस्वीकार्य बन चुका है।
श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि भीषण गर्मी के बावजूद अधिकतर स्टेशनों पर स्टेशन मास्टर्स को सिर्फ एक पंखे के सहारे काम करना पड़ता है। जब रेलवे बोर्ड खुद स्टेशन मास्टर्स को “रेलवे का आइकॉन” कहता है, तो फिर उन्हें मूलभूत सुविधाओं से क्यों वंचित रखा गया है?
प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को उठा रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि रेल प्रशासन जल्द सकारात्मक कदम उठाएगा। अन्यथा, जो स्टेशन मास्टर्स ट्रेनों को चलाना जानते हैं, वे उन्हें रोकना भी जानते हैं।