बिहार

क्या 1994 का इतिहास दोहराएगा ? 28 साल बाद पटना में जुटान होगा कुर्मियों का …

करीब 31 साल पहले 12 फरवरी 1994 में कुर्मी चेतना रैली आयोजित हुआ था तब लोग लाखों की संख्या में पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे. अब पटना के मिलर हाई स्कूल में 19 फरवरी 2025 कों कुर्मी एकता रैली का आयोजन किया जा रहा है. आयोजक द्वारा लाखों की संख्या में रैली में कुर्मियों की पहुंचने की उम्मीद है.

कौन है कुर्मी चेतना रैली कराने वाले नेता ?

कुर्मी एकता रैली के मुख्य आयोजक बीजेपी के अमनौर विधायक कृष्ण कुमार मंटू पटेल है. मंटू पटेल पटेल छात्रावास निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष भी है. हालांकि ये रैली सियासी नजरों से देखें तों भविष्य की राजनीति की ओर इशारा कर रहा है क्यूंकि जिस कुर्मी एकता रैली का नेतृत्व मंटू पटेल जी कर रहे है आज से करीब 31 वर्ष पहले पटना के गांधी मैदान में कुर्मी चेतना रैली का आयोजन किया गया था. उसी रैली से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उभरे और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से खुद कों किनारा कर बिहार की राजनीति में दमखम दिखाया था.

जानकारी के लिए बता दें जिस जाति की रैली हो रही है उस जाति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं जो पिछले 20 वर्षों से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं और बिहार के राजनीतिक इतिहास को दोहराया जाए तो 31 वर्ष पूर्व 12 फरवरी 1994 को पटना के गांधी मैदान में कुर्मी चेतना रैली की गई थी. मच से भाषण से पुरे समाज कों एकजुट कर लिया था पुरे बिहार में नीतीश कुमार की चर्चा होने लगी थी. इस रैली के बाद न केवल लालू यादव और नीतीश कुमार की दोस्ती टूटी थी, बल्कि बिहार की सियासत में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी।

क्योंकि जिस जाति की रैली हो रही है उस जाति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं जो पिछले 20 वर्षों से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं और बिहार के राजनीतिक इतिहास को दोहराया जाए तो 31 वर्ष पूर्व 12 फरवरी 1994 को पटना के गांधी मैदान में कुर्मी चेतना रैली की गई थी.

सीएम नीतीश ने रैली के लिए शुभकामनाएं दी.

कुर्मी एकता रैली के आयोजक मंटू पटेल ने कहा कि इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया है, लेकिन वह प्रगति यात्रा के कारण आने में असमर्थता जाहिर की है, लेकिन उन्होंने कहा है कि हमारी संवेदना है. नीतीश कुमार तो नहीं आएंगे लेकिन जेडीयू बीजेपी और एनडीए के सभी दलों के कुर्मी, कुशवाहा, धानुक,पटेल जातियों के कई नेता उपस्थित जरूर होंगे.

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