राष्ट्रीय
बच्चा संपत्ति नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा बालिग बेटी की शादी स्वीकार करें

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए एक लड़की के माता-पिता की याचिका को खारिज कर दिया कि बच्चा कोई संपत्ति नहीं है। माता-पिता ने अपनी बेटी के पार्टनर के खिलाफ इस आधार पर आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की थी।
कि विवाह के समय वह नाबालिग थी। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ ने कहा कि शादी के समय लड़की नाबालिग नहीं थी।
आपको कैद करने का अधिकार नहीं है। आप अपनी बेटी के रिश्ते को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। आप अपनी बेटी को एक संपत्ति मानते हैं। वह संपत्ति नहीं है। अपनी बालिग बेटी की शादी को स्वीकार करें।