उत्तर प्रदेश में होमगार्ड के बेटे ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में पाया तीसरा स्थान पिता की आंखों से छलके आंसू

आज के समय में हर मां-बाप अपने बच्चों को एक कामयाबी की राह पर देखना चाहते हैं। वही बात करें व्यवस्थाओं की तो आज के समय में लोग व्यवस्थाओं को बहाना बनाकर भी कामयाबी से पीछे हट जाते है तो वही कुछ लोग मेहनत करके व्यवस्थाओं का बहाना न बनाकर आगे बढ़ जाते है। कहते हैं ना कि मन में हौसला कुछ कर दिखाने का तो मेहनत भी तुम्हारी गुलाम बन जाती है।
पिता की आंखों से छलके खुशी के आंसू
ऐसे ही एक सच्ची कहानी है उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वाले मनीष की जिन्होंने उत्तर प्रदेश भर्ती परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया है। इस दौरान मनीष को गृहमंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया जिसके बाद उनके पिता की आंखों से आंसू छलक गए। और मनीष के पिता गदगद होकर झूम उठे। मंच का आयोजन ही मनीष जैसे बच्चों के लिए बनाया गया है जिन्हें कामयाबी की राह में चलने के लिए सीएम द्वारा सम्मानित और प्रोत्साहित किया जा रहा है।
केवल 15 सिपाहियों को दिया गया नियुक्ति पत्र
दरअसल गृहमंत्री कम और डिप्टी सीएम के हाथों नियुक्ति पत्र को पकड़ मनीष त्रिपाठी भी भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि आज का दिन मेरे लिए अविस्मरणीय है। वही आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश भर्ती परीक्षा में केवल 15 सिपाहियों को ही नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। उनमें से एक मनीष त्रिपाठी भी थे उन्होंने कहा कि यह सब मेरे माता-पिता और मेरे बाबा के आशीर्वाद से संभव हुआ है।
निष्पक्षता से कराई गई परीक्षा
मनीष त्रिपाठी ने बताया कि वह एकदम साधारण जीवन जीते हैं वहीं उनके पिता होमगार्ड है तो माता ग्रहणी है। मनीष ने बताई की 18 जून से चित्रकूट के कोचिंग सेंटर में उनकी जॉइनिंग होगी जहां उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने परीक्षा में होने वाली व्यवस्थाओं की चर्चा करते हुए कहा की परीक्षाएं एकदम निष्पक्षता से कराई गई और इसमें सभी ने बेहतर योगदान भी थी जिसके कारण एक निष्पक्ष परिणाम ही सामने निकल कर आया है।
सीएम ने किया नव सिपाहियों को प्रोत्साहित
दरअसल नियुक्ति पत्र अपने हाथों से सौंप देने के बाद सीएम ने सिपाहियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपको ऐसे ही जीवन में आगे बढ़ाना है और अपने लक्ष्य को पाना है और इस कार्य को पूरी ईमानदारी और सलंग्नता के साथ करना है क्योंकि यह कार्य केवल आपका ही नहीं बल्कि यह कार्य एक समाज के लोगों की सेवा है जो कि आज से आपका धर्म बन जाएगा।