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AI171 Crash: 12 जून को क्रैश से पहले क्‍या हुआ? AAIB ने कर दिया पल-पल का खुलासा, दूर कर लीज‍िए अपना कंफ्यूजन

एयरक्राफ्ट एक्‍सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्‍यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बावजूद अहमदाबाद एयर इंडिया प्‍लेन क्रैश पर नई-नई थ्‍योरी आने का सिलसिला अभी भी जारी है. खासकर विदेशी म‍ीडिया इस क्रैश को लेकर अपना नया नैरेटिव सेट करने की कोशिश में जुटा हुआ है. विदेशी मीडिया की लगातार कोशिश है कि वह इस क्रैश का ठीकरा पायलट के सिर पर फोड़ दे. हालांकि, यह सब तब है, जब एएआईबी ने 12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर क्‍या-क्‍या हुआ, इसका पूरा खुलासा कर दिया है. चलिए अब आपको बताते हैं कि अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सुबह 11.17 बजे से प्‍लेन क्रैश होने के बीच कब क्‍या हुआ.

एएआईबी की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश होने वाले प्‍लेन का रजिस्‍ट्रेशन नंबर VT-ANB. 12 जून को इस प्‍लेन ने अपनी पहली उड़ान बतौर फ्लाइट नंबर AI423 दिल्‍ली से अहमदाबाद के बीच फ्लाइ भरी थी. सुबह करीब 11:17 बजे पर अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद इस प्‍लेन को बे नंबर 34 पर पार्क कर दिया गया. दिल्ली से आए क्रू ने प्‍लेन में मौजूद तकनीकी खराबी का जिक्र करते हुए टेकलॉग में ‘STAB POS XDCR’ स्टेटस मैसेज दर्ज किया गया था. एयर इंडिया के ड्यूटी पर तैनात एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (AME) ने फॉल्ट आइसोलेशन मैनुअल (FIM) के अनुसार जांच की और दोपहर करीब 12:10 बजे प्‍लेन को उड़ान के लिए तैयार घोषित कर दिया.

यह प्‍लेन अब फ्लाइट AI171 के तौर पर अहमदाबाद से गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला था, जिसका निर्धारित समय दोपहर 1:10 बजे था. इस प्‍लेन में 230 पैसेंजर बोर्ड हुए, जिनमें बिजनेस क्लास के 15 और इकोनॉमी क्लास के 215 पैसेंजर शामिल थे. इन पैसेंजर्स में दो नवजात शिशु भी शामिल थे. प्‍लेन में 54,200 किलोग्राम फ्यूल था और इसका टेक-ऑफ वजन 213401 किलोग्राम था, जो अधिकतम अनुमति 2,18,183 किलोग्राम से कम था. प्‍लेन में कोई खतरनाक सामान नहीं था.

इस फ्लाइट के क्रू में कौन-कौन था शामिल?

फ्लाइट AI171 को 2 पायलट और 10 केबिन क्रू थे. कप्तान के पास एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (एटीपीएल) था, जबकि सह-पायलट के पास कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) था. दोनों पायलट मुंबई से थे और एक दिन पहले अहमदाबाद पहुंचे थे, लिहाजा उनको आराम का पर्याप्‍त समय मिला था. इस फ्लाइट के को-पायलट बतौर पायलट फ्लाइंग प्‍लेन को उड़ा रहे थे और कप्तान पायलट मॉनिटरिंग के तौर पर निगरानी कर रहे थे. दोपहर 11:55 बजे क्रू ने प्री-फ्लाइट ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट दिया और उड़ान के लिए पूरी तरह फिट पाए गए. सीसीटीवी फुटेज में क्रू को दोपहर 12:35 बजे बोर्डिंग गेट पर पहुंचते हुए देखा गया.

प्‍लेन ने दोपहर 1:18 बजे बे-34 से टैक्सी करना शुरू किया. 1:25 बजे टैक्सी क्लीयरेंस मिली और 1:26 बजे प्‍लेन रनवे 23 की ओर टैक्सी करने लगा. दोपहर करीब 1:37 बजे टेक-ऑफ की मंजूरी मिली और ठीक 4 सेकेंड बाद प्‍लेन ने रनवे पर रोल करना शुरू किया. प्‍लेन ने टेक-ऑफ के लिए जरूरी गति V1 (153 नॉट्स) को 1:38 बजे और Vr (155 नॉट) को अगले दो सेकेंड में हासिल किया. इसके बाद, प्‍लेन हवा में था और लेकिन इसके ठीक बाद, 1:38 बजे प्‍लेन ने अपनी अधिकतम 180 नॉट्स की गति हासिल कर ली थी. इसी बीच, तभी इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच महज एक सेकंड के अंतराल में एक-एक कर रन से कटऑफ की पोजिशन में चले गए. इससे इंजनों को फ्यूल की सप्‍लाई बंद हो गई और इंजन की स्‍पीड कम होने लगी.

उस दौरान कॉकपिट में क्या हुआ?

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “आपने कटऑफ क्यों किया?” दूसरा पायलट जवाब देता है, ‘मैंने नहीं किया.’ उसी समय, सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि प्‍लेन के टेक-ऑफ के तुरंत बाद रैम एयर टरबाइन (RAT) एक्टिव हो गया, जो इमरजेंसी सिचुएशन में हाइड्रोलिक पावर जनरेट करता है. इस दौरान, आसपास पक्षियों की गतिविधि नहीं दिख गई, जो इंजन के बंद होने का कारण हो सकती थी.

इसके बाद, 1:38:47 बजे दोनों इंजनों की स्‍पीड अपनी मिनिमम आडियल स्‍पीड से भी नीचे चली गई और RAT ने हाइड्रोलिक पावर देना शुरू किया. 1:38:52 बजे इंजन 1 का फ्यूल स्विच कटऑफ से रन स्थिति में आया. इसके बाद, 1:38:54 बजे ऑटोमैटिक पावर यूनिट का इनलेट डोर खुलने लगा जो ऑटोमैटिक पावर यूनिट के ऑटो-स्टार्ट का संकेत था. 1:38:56 बजे इंजन 2 का फ्यूल कटऑफ स्विच भी रन स्थिति में आया.

जब फ्यूल कटऑफ स्विच रन स्थिति में आए, तो दोनों इंजनों के फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल (FADEC) ने इग्निशन और फ्यूल सप्लाई को बहाल करने प्रॉसेस शुरू हो गया. इंजन 1 में रीलाइट के संकेत दिखे और इसकी गति धीरे-धीरे ठीक होने लगी. इंजन 2 भी रीलाइट हुआ, लेकिन इसकी गति पूरी तरह ठीक नहीं हो पाई.

मेडे कॉल और हादसा

1:39:05 बजे एक पायलट ने ‘मेडे मेडे मेडे’ कॉल किया, जो आपात स्थिति का संकेत था. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने कॉल साइन पूछा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद ट्रैफिक कंट्रोलर ने देखा कि प्‍लेन एयरपोर्ट की सीमा दीवार के बाहर क्रैश हो गया.

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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