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आप ये सब क्यों करते हैं?’ शख्स ने बनाया PM और RSS का ऐसा कार्टून, भड़क गया सुप्रीम कोर्ट, राहत से इनकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक कार्टून बनाने के आरोपी कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई. अदालत ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश देने से साफ इनकार कर दिया और सुनवाई को 15 जुलाई तक टाल दिया.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘कार्टूनिस्ट और स्टैंड-अप कॉमेडियन अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग कर रहे हैं. आपने देखा होगा कि इनका रवैया कैसा होता है, इनमें कोई संवेदनशीलता नहीं होती.’

जब मालवीय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने दलील दी कि कार्टून आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता, तो अदालत ने दो टूक कहा कि इस तरह की अभिव्यक्तियों से देश का सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है, और बाद में लोग माफ़ी मांगकर केस खत्म करने की बात करते हैं. वहीं जस्टिस धूलिया ने सीधे सवाल करते हुए कहा, ”आप ये सब क्यों करते हैं?’

क्या है मामला?

इंदौर के रहने वाले कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और भगवान शिव से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट किए, जिसमें कार्टून, कमेंट और वीडियो शामिल थे. इस पर आरएसएस कार्यकर्ता विनय जोशी ने इंदौर के लसूड़िया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार, यह सामग्री न केवल प्रधानमंत्री और संघ के प्रति अपमानजनक थी, बल्कि इसका उद्देश्य हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करना भी था.

इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मालवीय की अग्रिम ज़मानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अनुचित उपयोग किया है और उन्हें अपने कैरिकेचर बनाते समय विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए था.

कोर्ट का रुख सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वह इस समय हेमंत मालवीय को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत नहीं देगा, और कहा कि देश के कानूनी और सामाजिक संतुलन को ठेस पहुंचाने वाली गतिविधियों को स्वतंत्रता के नाम पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

इस मामले की सुनवाई अब 15 जुलाई को होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि हेमंत मालवीय को अग्रिम ज़मानत दी जा सकती है या नहीं. इस केस ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम सामाजिक उत्तरदायित्व की बहस को नई धार दी है.

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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