अयोध्या

*हनुमान कुंड, अयोध्या: सेवा, शक्ति और समर्पण का ज्वलंत प्रतीक*

अयोध्या की पुण्य भूमि में श्रीराम का नाम हर कण में है, लेकिन उनकी कथा की आत्मा यदि किसी में जीवंत है—तो वह हैं हनुमान जी। उनका संपूर्ण जीवन सेवा और समर्पण का आदर्श है। अयोध्या में स्थित हनुमान कुंड उस दिव्य स्थली का नाम है, जहाँ हनुमान जी की साधना, तप और प्रभु भक्ति का एक ऐतिहासिक अध्याय रचा गया था।

*पौराणिक मान्यता*

जब श्रीराम ने अयोध्या में रामराज्य की स्थापना की, तब हनुमान जी नित्य रामकथा, रामनाम और सेवा में लीन रहते थे। कहा जाता है कि उन्होंने एकांत में बैठकर कई वर्षों तक रामनाम का जाप और ध्यान किया था। उन्हीं की साधना से जाग्रत हुआ यह स्थान—हनुमान कुंड।

कुछ पौराणिक स्रोतों और लोककथाओं के अनुसार, यहां हनुमान जी ने अग्निदीक्षा लेकर जल से शरीर को शुद्ध किया था, जिससे उनका बल और तेज और भी बढ़ गया था। यह कुंड अग्नि और जल तत्वों के अद्भुत संतुलन का प्रतीक माना जाता है।

*आध्यात्मिक प्रभाव और विशेषताएं*

हनुमान कुंड के जल को अत्यंत शक्तिशाली और उर्जावान माना जाता है। लोक विश्वास है कि यहां स्नान करने से:

शरीर में चेतना और साहस की वृद्धि होती है,

मन के भय और संशय दूर होते हैं,

विशेष रूप से शत्रु बाधा, मानसिक दुर्बलता और आध्यात्मिक कमजोरी नष्ट होती है।

यह कुंड उन साधकों के लिए आदर्श तीर्थ है जो हनुमान जी के पथ पर सेवा, निष्ठा और शक्ति के साथ जीवन जीना चाहते हैं।

हनुमान कुंड अयोध्या के हनुमानगढ़ी क्षेत्र से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र प्राचीन मठों, मंदिरों और तपोभूमियों से घिरा हुआ है। कुंड का स्वरूप गोलाकार है और इसके चारों ओर तुलसी, पीपल और आम के वृक्षों की हरियाली इसका सौंदर्य और दिव्यता बढ़ाती है।

वर्तमान में यह स्थान स्थानीय भक्तों और कुछ संतों द्वारा पूजित तो है, लेकिन सार्वजनिक पर्यटन और तीर्थ विकास योजनाओं से अभी तक वंचित है। श्रद्धालु विशेषकर मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती पर यहां दीपदान और हनुमान चालीसा पाठ करते हैं,

हनुमान कुंड हमें सिखाता है कि सच्ची शक्ति अहंकार में नहीं, सेवा में है। हनुमान जी ने कभी स्वयं को बड़ा नहीं कहा, लेकिन उनके भीतर ऐसा बल था कि पूरी लंका को हिला दिया। यह कुंड उनके आंतरिक साधना और बाह्य शौर्य का संगम है।

जो भी व्यक्ति इस कुंड में श्रद्धा से स्नान करता है, उसे केवल बाहरी शुद्धि नहीं, बल्कि आत्मबल और साहस का अनुभव होता है। यह कुंड कर्मयोगियों का तीर्थ है

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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