मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद विवादित ढांचा नहीं… कहते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया हिंदुओं को ‘बड़ा झटका’ और मुस्लिमों को खुशखबरी

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी बड़ी खबर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने से किया इनकार कर दिया है. पिछली सुनवाई पर बहस पूरी होने पर हाईकोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था. जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. हालांकि हाईकोर्ट द्वारा शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित ढांचा ना घोषित करने पर अन्य याचिकाओं पर सीधे तौर पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा, जबकि शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष इसे अपनी बड़ी जीत के तौर पर देख रहा है.
महेंद्र प्रताप सिंह ने यह अर्जी दाखिल की थी..
दरअसल, हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग वाली एप्लीकेशन A-44 को नामंज़ूर कर दिया. हिंदू पक्ष के सूट नंबर 13 में वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने यह अर्जी दाखिल की थी. उन्होंने मासरे आलम गिरी से लेकर मथुरा के कलेक्टर रहे एफ एस ग्राउस तक के समय की लिखी पुस्तकों का अदालत में हवाला दिया था. सूट नंबर 13 के वादी द्वारा आवेदन A-44 प्रस्तुत किया गया था, जिसमें संबंधित स्टेनोग्राफर को इस मूल मुकदमे की संपूर्ण आगे की कार्रवाई में शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान पर “विवादित ढांचा” शब्द का उपयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. हालांकि मुस्लिम पक्ष द्वारा इस आवेदन पर लिखित आपत्ति दायर की गई थी.
हिंदू पक्ष ने भी जवाब दाखिल किया
हाईकोर्ट में हिंदू चेतना यात्राओं को लेकर भी आज हिंदू पक्ष की ओर से जवाब दाखिल किया गया. मुस्लिम पक्ष ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की ओर से निकाली जा रही हिंदू चेतना यात्राओं पर आपत्ति जताई थी.
मस्जिद एक वैध धार्मिक स्थल है- मुस्लिम पक्ष का दावा
इलाहाबाद हाईकोर्ट भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव सहित अन्य वादों की सुनवाई कर रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट अयोध्या विवाद की तर्ज पर केस से जुड़ी डेढ़ दर्जन याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर रहा है. वादों में शाही ईदगाह का कब्जा हटाकर कटरा केशव देव के नाम दर्ज भूमि श्रीकृष्ण मंदिर को सौंपने की मांग की गई है. हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद की ढाई एकड़ जमीन भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान यानि गर्भगृह है, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद एक वैध धार्मिक स्थल है