केदारनाथ हादसे के बाद चार धाम यात्रा की सभी हवाई सेवाओं पर लगी ब्रेक

केदारनाथ में बीते कुछ दिनों में हुए हेलीकॉप्टर हादसों ने न सिर्फ श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि हेली कंपनियों को भी पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है।हालात ये हैं कि पिछले एक हफ्ते से घाटी में एक भी हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया।यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक 13304 टिकट कैंसल हो चुके हैं और एविएशन कंपनियों को 8.65 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा है।जिसके बाद अब हेली सेवाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी हैं और कंपनियां घाटी से वापस लौटने की तैयारी में है।
शनिवार को भी 658 टिकट रद्द
बीते दिन शनिवार को मौसम ने भी साथ नहीं दिया जिसके चलते गुप्तकाशी, फाटा और शेरसी हेलीपैड से लगातार सातवें दिन भी कोई हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।घाटी में सुबह से कोहरा छाया रहा, जिससे उड़ान भरना संभव नहीं हो सका।ट्रांस भारत, पवन हंस, ग्लोबल वेक्ट्रा, हिमालयन हेली और एरौ हेली जैसी कंपनियों की सेवाएं बंद रहीं और कुल 658 टिकट रद्द कर दिए गए।बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना दर्शन किए लौटने को मजबूर हो गए। हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि खराब मौसम के कारण उड़ानें नहीं हो पाईं। जिसको देखते हुए रविवार 22 जून को सभी हेली कंपनियां वापस लौट जाएंगी।
13304 टिकट कैंसल, 8.65 करोड़ का घाटा
इस बार की चारधाम यात्रा हेली कंपनियों के लिए घाटे और डर दोनों से भरी रही यात्रा की शुरुआत 2 मई से हुई थी. शुरूआती सप्ताह में ही मौसम ने रुकावट डाली, ऊपर से भारत-पाक तनाव ने उड़ानों को प्रभावित किया।जिसके चलते 2 से 16 मई तक 1638 टिकट रद्द हो चुके थे।
फिर 7 जून को बडासू के पास क्रिस्टल कंपनी का हेलीकॉप्टर रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई. फिर 15 जून को आर्यन हेली का क्रैश हुआ, जिसने रही-सही हिम्मत भी तोड़ दी।इसके बाद डीजीसीए ने सख्ती बढ़ा दी और उड़ानों की संख्या सीमित कर दी. नतीजा ये हुआ कि हर दिन सैकड़ों टिकट रद्द होने लगे और कंपनियों को लगातार घाटा होने लगा।
अब चारधाम की सभी हेली सेवाओं पर ब्रेक
लगातार हो रही दुर्घटनाओं और मौसम की मार के बाद अब प्रशासन ने केदारनाथ ही नहीं, चारधाम की सभी हेली सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल कोई कंपनी संचालन नहीं करेगी।
हर साल की तरह, अब हेली सेवाएं सितंबर महीने में ही दोबारा शुरू होने की संभावना है।जब तक मानसून खत्म नहीं होता और हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक चारधाम यात्रा सिर्फ पैदल या सड़क मार्ग से ही संभव रहेगी।इसका सीधा असर उन श्रद्धालुओं पर पड़ा है, जो हेलीकॉप्टर सेवा के भरोसे यात्रा की योजना बना रहे थे।अब उन्हें या तो पैदल सफर तय करना होगा या अपनी यात्रा को टालना पड़ेगा।