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ईडी के पास परिसर सील करने का अधिकार नहीं: मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बड़ा खुलासा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मद्रास उच्च न्यायालय में चल रही एक अहम सुनवाई के दौरान खुद स्वीकार किया है कि उसके पास छापेमारी के दौरान किसी परिसर को “सील” करने का कानूनी अधिकार नहीं है। यह बयान फिल्म निर्माता आकाश भास्करन और व्यवसायी विक्रम रवींद्रन द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया।

दोनों याचिकाकर्ताओं ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि उनके परिसरों को छापेमारी के बाद एजेंसी द्वारा अवैध रूप से सील कर दिया गया है। इस पर अदालत ने ईडी से पूछा कि क्या उसके पास ऐसी कार्रवाई करने की कानूनी अनुमति है। जवाब में ईडी ने स्पष्ट किया कि उसके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।

इस मामले में अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि अगर ईडी ने बिना कानूनी अधिकार के परिसर सील किए, तो क्या यह कार्रवाई कानून के उल्लंघन की श्रेणी में आएगी? कोर्ट ने ईडी के जवाब को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि वह इस मुद्दे पर विस्तार से विचार करेगा।

यह मामला न केवल ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि नागरिक अधिकारों और कानूनी प्रक्रियाओं के पालन की अनिवार्यता को भी रेखांकित करता है। मामले की अगली सुनवाई जल्द ही होने की उम्मीद है, जिसमें अदालत इस पर अंतिम निर्णय दे सकती है कि ईडी की कार्रवाई कितनी वैध थी।

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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