गोंडा

आपातकाल में व्यक्ति व समाज का मार्गदर्शक है साहित्य : सूर्यपाल सिंह

*लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गोंडा में ‘पूर्वापर’ के अधिवेशन में पुस्तक लोकार्पण साहित्यकार सम्मान एवं संगोष्ठी का हुआ आयोजन*

*गोण्डा*

आतंकवाद से त्रस्त विश्व को राष्ट्रवादियों का दृढ़ संकल्प व साहित्यकारों के शाश्वत विचार ही मुक्ति दिलाएंगे। साहित्य हर संकट में समाज और व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है।

श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के ललिता शास्त्री सभागार में रविवार को ‘पूर्वापर’ के 17वें अधिवेशन में वरिष्ठ साहित्यकार साहित्य भूषण डा. सूर्यपाल सिंह ने संगोष्ठी में उक्त विचार व्यक्त किए। ‘आतंकग्रस्त विश्व और साहित्य’ विषयक संगोष्ठी में शास्त्री महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र ‘शून्यम’ ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पहलगाम में नागरिकों की हत्या करने वाले पाक समर्थित आतंकवादियों और उनके पोषक राष्ट्र को जड़ समूल से नष्ट करने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा । हिन्दी विभाग के प्राध्यापक प्रो. जयशंकर तिवारी के संचालन में संगोष्ठी में विश्व में संकट, अराजकता और आतंक के पर्याय बने नक्सलवाद, आतंकवाद, युद्धोन्माद का उन्मूलन करने में साहित्य की भूमिका पर रींवा से आए विवेक द्विवेदी, ओम प्रकाश मिश्र, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष श्रीनिवास राव, भालचंद्र प्रजापति, उमानाथ त्रिपाठी, गणेश प्रसाद तिवारी नैश, देवनाथ द्विवेदी, सत्यजीत पांडेय, एसपी मिश्र, महाराज दीन पाण्डेय ने विचार व्यक्त किए।

इस कार्यक्रम में किरन सिंह की ‘अव्यक्त संवेदनाएँ’, माधव राज सिंह की ‘प्रथम स्वत्रंत्रता संग्राम के नायक -रानी तुलसीपुर और राजा गोण्डा’, डॉ. सूर्यपाल सिंह ग्रंथावली भाग छह और ‘कोइयाँ के फूल’, गणेश प्रसाद तिवारी की ‘नैश के दोहे’, अजय अजर की ‘रुका कोई नहीं’, महेश की ‘हरसिंगार की छाँव में’, डॉ. लोहंस कल्याणी की ‘अहसास-ए-सफ़र’ ग़ज़ल संग्रह, केरल के साहित्यकार आर. सुरेंद्रन की ‘ भारतीय साहित्य – संवाद सिलसिला’ एम. एन. खान की ‘माटी की महक’ और अजय सिंह की ‘सभ्यता की कहानी’ पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इस क्रम में रचनाकारों ने अपनी सृजन-प्रक्रिया के बारे में बातें कीं।

डॉ. विवेक द्विवेदी, प्रो. रणजीत सिंह, डॉ. सत्यजीत पाण्डेय, ओम प्रकाश मिश्र, विजय रंजन और श्याम जी मिश्र को सम्मानपत्र व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

अधिवेशन में प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार, साहित्य भूषण शिवाकांत मिश्र, ‘विद्रोही’, अतुल कुमार सिंह, घनश्याम अवस्थी, राजेश ओझा, किरन सिंह,माधवराज सिंह, मो. नजीर खां, जानकी शरण द्विवेदी, त्रिलोकीनाथ मौर्य, याकूब सिद्दीकी ‘अज्म’, हरीराम शुक्ल,डा. श्रीनारायण तिवारी,

हरि राम शुक्ल प्रजागर,

उमानाथ त्रिपाठी, डा. उमा सिंह, विष्णु शंकर तिवारी

सन्त राम सिंह सन्त’,

वीरेन्द्र विक्रम तिवारी ‘बेतुक, अभिषेक दूबे,विनय शुक्ल ‘अक्षत’, प्रदीप मिश्र, अभिलाषा अवस्थी अभिकृति अवस्थी, अरविंद पाण्डेय व आर जे शुक्ल यदुराय मौजूद रहे।

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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