वकील ने न्यायाधीश से अभद्रता करते हुए शर्ट की बटन बंद करने की मांग की..। छह महीने की कैद में डाला गया

जब न्यायाधीश ने वकील से शर्ट की बटन बंद करने की मांग की, तो वह भड़क गया और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कोर्ट रूम से बाहर जाने का आदेश देने पर भी अभद्रता की। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने वकील अशोक पांडेय को जजों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में आपराधिक अवमानना में दोषी करते हुए छह माह के साधारण कारावास और दो हजार रुपये की सजा सुनाई है। दोषी वकील को कोर्ट ने लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
18 अगस्त 2021 को कोर्ट ने मामले को स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि जनहित याचिका की सुनवाई में अधिवक्ता अशोक पांडेय बिना यूनिफार्म के पहुंचे थे। अशोक पांडेय ने कहा कि उन्हें यूनिफॉर्म पहनने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्होंने ही वर्तमान याचिका दाखिल की है।
न्यायालय ने भी उनसे कहा कि वे अपनी शर्ट की बटन बंद कर दें। अशोक पांडेय इस पर भड़क गए और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने लगे। जब उन्हें कोर्ट से बाहर निकालने की चेतावनी दी गई, उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट शक्तिशाली है तो उन्हें बाहर निकाल दें। अशोक पांडेय ने आदेश में सुनवाई कर रहे जजों को बताया कि वे गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में अशोक पांडेय द्वारा पहले भी किए गए आपत्तिजनक व्यवहारों का भी उल्लेख किया है। फैसले में बताया गया है कि इसी हाईकोर्ट ने पहले भी अशोक पांडेय को तीन महीने की सजा व दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
दो साल के लिए हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश करने पर भी रोक लगाई गई है। शीर्ष अदालत ने कारावास की सजा को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था, लेकिन कोर्ट परिसर में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया था।