गोंडा

तकनीशियनों की तैनाती ना होने से बंद पड़े हैं वेंटिलेटर

गोंडा

जिले के स्वशासी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध बाबू ईश्वर शरण अस्पताल में तकनीकी कर्मचारियों की कमी के कारण गंभीर मरीजों के इलाज में मुश्किलें हैं। अस्पताल में वेंटिलेटर और अन्य जीवनरक्षक मशीनें मौजूद होने के बावजूद इनका संचालन नहीं हो पा रहा है, क्योंकि उन्हें चलाने के लिए आवश्यक तकनीशियन और ऑपरेटर उपलब्ध नहीं हैं। अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) और आईसीयू में उन्नत चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए आवश्यक तकनीशियनों की तैनाती नहीं हुई है। वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग सिस्टम, डायलिसिस यूनिट जैसी मशीनें महंगी होने के बावजूद बंद पड़ी हैं, जिससे गंभीर मरीजों के इलाज में कठिनाई हो रही है। वहीं पर अस्पताल में चार महिला रोग विशेषज्ञों (गायनेकोलॉजिस्ट) की तैनाती के बावजूद गायनी विभाग पूरी तरह चालू नहीं हो पाया है। स्टाफ की कमी के कारण यह विभाग ओपीडी तक सीमित है और मरीजों को भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही। कई गर्भवती महिलाएं और अन्य मरीजों को मजबूरन दूसरे अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एम. डब्ल्यू. खान ने बताया कि वार्ड संचालन की तैयारियां जारी हैं, और जल्द ही तकनीशियनों व आवश्यक स्टाफ की तैनाती कर दी जाएगी। हालांकि, अस्पताल में मौजूदा हालात को देखते हुए मरीजों को तत्काल राहत नहीं मिल पा रही है। बाबू ईश्वर शरण अस्पताल में तकनीकी स्टाफ, प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मियों और सहायक कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा सुविधाओं के विस्तार के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जब तक जरूरी मेडिकल स्टाफ और ऑपरेटरों की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक जीवनरक्षक मशीनों का सही उपयोग नहीं हो पाएगा।

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