
बीते करीब तीन दशक से राज्य की राजनीति के केंद्र में रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुपुत्र निशांत कों उनके सियासी उत्तराधिकारी बनने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.कहा जा रहा निशांत जल्द ही सक्रिय राजनीति में नज़र आ सकते है.
नीतीश कुमार की छवि परिवारवाद के उलट रही है
बता दें नीतीश कुमार की गिनती उन राजनेताओं में की जाती है जो शुरू से ही परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं. हालांकि बाद में क्या होगा, कौन जानता है? जानकारी के मुताबित जदयू पार्टी में एक खेमा यह चाहता है नीतीश कुमार के सुपुत्र निशांत कुमार सक्रिय राजनीति में आये और पार्टी की बागडोर संभाले.
जदयू की अस्तित्व बचाने के लिए निशांत ज़रूरी
बता दें की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उम्र के 71 वें पड़ाव पर है. ऐसे में जदयू कों अपना एक उत्तराधिकारी का चयन होना ज़रूरी. जदयू में चर्चा यह चल रही है की निशांत कुमार होली के बाद सक्रिय राजनीति में शामिल हो सकते हैं. यह सिर्फ नीतीश कुमार से हरी झंडी मिलने की बात है. पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से निशांत के राजनीति में आने की लगातार बढ़ती मांग की जानकारी नीतीश कुमार को दी गई है.
निशांत झुकाव अध्यात्म की ओर ज्यादा रहा है
बीटेक की पढ़ाई कर चुके निशांत का झुकाव अध्यात्म की ओर रहा है. कई मौके पर उन्हें अध्यात्म से जुड़े बातें करते देखा गया है पत्रकारों के राजनीति में आने के सवाल पर निशांत ने जवाब में कई बार कहा है उनका रूचि अध्यात्म में है, हालांकि निशांत बहुत बार नीतीश कुमार के काम – काज की तारीफ कर चुके है. बता दें की 2007 में अपनी मां मंजू सिन्हा के निधन के बाद से निशांत लगातार अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री निवास में ही रहते हैं.