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पूर्व विधायक कुंवर अजय प्रताप सिंह के निधन पर उनके पैतृक आवास पर कई गणमान्य व समर्थकों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी 

गोण्डा

गोंडा ही नहीं प्रदेश की राजनीति में अलग मुकाम हासिल करने वाले करनैलगंज के पूर्व विधायक कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया के निधन पर उनके पैतृक आवास पर श्रद्धांजलि देने के लिए समर्थकों का ताता लग रहा। आपको बता दें पूर्व विधायक लल्ला भैया कई महीनो से बीमार चल रहे कल देर शाम इलाज के दौरान मेदांता में निधन हो गया। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। पूर्व विधायक लल्ला भैया धनवा स्टेट के राजा भी थे। बरगदी कोर्ट में देर रात से ही समर्थकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया जो उनके अंतिम संस्कार तक चला रहा। तमाम राजनीतिक दिक्कतों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह,कैसरगंज के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह, सांसद कैसरगंज करन भूषण सिंह, विधायक गोंडा सदर प्रतीक भूषण सिंह, विधायक करनैलगंज अजय सिंह, विधायक तरबगंज प्रेम नारायण पाण्डेय,विधायक कटरा बाजार बावन सिंह, विधायक गौरा प्रभात वर्मा, विधायक मेहनौन विनय कुमार द्विवेदी, विधायक मनकापुर रमापति शास्त्री, पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह, पूर्व सपा प्रत्याशी सूरज सिंह,सपा नेता मसूद आलम खा सहित तमाम राजनीतिक दिग्गजों ने उनके निधन शोक व्यक्ति किया है।तथा उनके पैतृक आवास पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।वही उनके आवास पर कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान,गोंडा की डीएम नेहा शर्मा, एडिशनल एसपी मनोज कुमार रावत ने भी पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। पूर्व विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया 6 बार करनैलगंज से विधायक रह चुके हैं। उनके पिता व उनकी बहन भी करनैलगंज की विधायक रह चुकी हैं। लल्ला भैया की गिनती उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं के रूप में होती थी। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ चलने वाले नेताओं में लल्ला भैया की गिनती होती थी। लल्ला भैया के बरगदी कोट में सैकड़ो गाड़ियों का काफिला तैयार रहता था। लोग गाड़ियों को देखकर ही अनुमान लगा लेते थे की लल्ला भैया जा रहे हैं। लल्ला भैया के अंतिम यात्रा के दौरान पूरा क्षेत्र लल्ला भैया अमर रहे जब तक सूरज चांद रहेगा लल्ला भैया तेरा नाम रहेगा के जयकारों से गूंज उठा। कटरा शाहबाजपुर स्थित सरयू नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। जहां वह पंचतत्व में विलीन हो गए।

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