नारायण साईं को जमानत नहीं, लेकिन पिता आसाराम से जेल में 4 घंटे मिल सकेंगे – गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सूरत की लाजपुर जेल में बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू प्रवचनकर्ता आसाराम के बेटे नारायण साईं को राजस्थान की जोधपुर जेल में अपने पिता से चार घंटे के लिए मिलने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति एसवी पिंटो की पीठ ने नारायण साईं और आसाराम को मानवीय आधार पर मिलने की अनुमति दे दी। साईं की 30 दिन की जमानत पर रिहा करने की मांग को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि दोनों को यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
अदालत के आदेश के अनुसार, साईं को जोधपुर से हवाई मार्ग से लाया जाएगा और उनके साथ छह पुलिस अधिकारी होंगे, जिनमें एक सहायक पुलिस आयुक्त रैंक का अधिकारी भी शामिल है। साईं यात्रा का खर्च वहन करेंगे और व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए सूरत के सचिन पुलिस स्टेशन में सरकारी खजाने में 5 लाख रुपए जमा कराने होंगे।
उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि कानून-व्यवस्था संबंधी संभावित मुद्दों के मद्देनजर साईं के यात्रा कार्यक्रम को गोपनीय रखा जाए। हालांकि, साईं को भुगतान करने के सात दिनों के भीतर यात्रा का प्रबंध करना होगा।
साईं ने शुरुआत में जमानत मांगी थी, लेकिन हाल ही में आसाराम के अस्पताल में भर्ती होने और 11 साल से दोनों के बीच मुलाकात न होने का हवाला दिया था। जब पीठ ने अपनी अनिच्छा जताई तो साईं के वकीलों ने अदालत से आग्रह किया कि कम से कम मुलाकात की अनुमति दी जाए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि परिवार के किसी अन्य सदस्य को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और साईं को पूरे समय जेल परिसर में ही रहना होगा, यहां तक कि चिकित्सा संबंधी आपात स्थितियों में भी कोई छूट नहीं दी जाएगी। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि बैठक के तुरंत बाद उसे वापस लाजपोर जेल लाया जाए।