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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला जबरन विवाह पर पत्नी को नहीं माना गुजारे भत्ते का हकदार

हाईकोर्ट ने एक मामले में व्यक्ति की जमानत शर्त में पत्नी को 4000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी।

अदालत ने कहा कि कोर्ट सीआरपीसी की धारा 438 के तहत शक्ति का इस्तेमाल कर ऐसी अप्रासंगिक शर्त नहीं लगा सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब जमानत के लिए आवेदन दायर करने वाले पर ऐसी शर्तें लगाई जानी चाहिए। जिससे यह तय हो कि अपीलकर्ता न्याय से न भागे और केस का सामना करे।

सरकार के वकील ने तर्क दिया कि अपीलकर्ता ने गुजारा भत्ता देने की पेशकश की थी।सुप्रीम अदालत ने हाईकोर्ट द्वारा जमानत की शर्त के रूप में अपीलकर्ता की पत्नी को 4000 रुपये प्रति महीने गुजारा भत्ता देने के निर्देश को अनुचित ठहराते हुए रद्द कर दिया हैं।

हालांकि अदालत ने अपीलकर्ता को मुकदमे के दौरा उपलब्ध रहने के लिए बाध्य किया हैं।अपीलकर्ता का आरोप है कि उसका अपहरण कर विवाह करवा दिया गया था।

उसने विवाह को निरस्त करने की मांग की थी। अपीलकर्ता के वकील ने कहा कि 4000 रुपये का गुजारा भत्ता कोई बड़ी राशि नहीं है लेकिन यह जबरन विवाह का मामला है।

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