गोंडा

सीएमओ के लिखित आश्वासन के बाद शांत हुआ स्वास्थ्य कर्मियों का आक्रोश

सीएमओ कार्यालय पर सुबह से महिला स्वास्थ्य कर्मियों की भारी भीड़, आश्वासन के बाद समाप्त हुआ आंदोलन

11 दिन पहले शुरू हुआ था आंदोलन, चार दिनों से चल रहा था अनशन

गोंडा

गोंडा जिले के विकास खंड पंडरी कृपाल सीएचसी में तैनात एएनएम, सीएचओ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का आंदोलन आखिरकार प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गया। सीएचसी अधीक्षिका डॉ. पूजा जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश मंगलवार देर शाम जारी कर दिए गए, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने तब तक आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया जब तक उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा की ओर से लिखित आश्वासन नहीं मिला।

बुधवार सुबह बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी सीएमओ कार्यालय पहुंचे और कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी मांगी। जब उन्हें लिखित आश्वासन मिला, तो उन्होंने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी। इस फैसले से स्वास्थ्य कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई। मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष अंजनी शुक्ला और मंत्री सुषमा ने इसे कर्मचारी हित में उठाया गया स्वागतयोग्य कदम बताया। सीएचसी अधीक्षिका के खिलाफ स्वास्थ्य कर्मियों का विरोध प्रदर्शन चार दिनों से अनशन के रूप में जारी था। मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ के नेतृत्व में एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने अधीक्षिका पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की थी।

इस अनशन में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और स्टाफ नर्सों ने भी हिस्सा लिया। दूसरी ओर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने सीएमओ से मुलाकात कर स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं को उठाया था।

ग्यारह दिन पहले इस आंदोलन की शुरुआत तब हुई थी जब स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय का घेराव किया था। वे रात नौ बजे तक डटे रहे, लेकिन वार्ता विफल रही। चार दिन पहले स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएचसी पर धरना शुरू किया, जिसके बाद एडी हेल्थ और सीएमओ खुद सीएचसी पहुंचे और जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

जब मंगलवार तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो संगठन ने बुधवार से सीएमओ कार्यालय पर धरना देने की घोषणा कर दी।

इस आंदोलन को कई अन्य कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिला था। इनमें बेसिक हेल्थ वर्कर्स यूनियन, स्टाफ नर्स संगठन, संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद शामिल थे। आंदोलन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अन्य संगठन भी इसमें शामिल हो रहे थे।

स्वास्थ्य कर्मियों ने अधीक्षिका पर तानाशाही रवैया अपनाने और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए थे। संगठन लगातार उनके तबादले की मांग कर रहा था। मंगलवार को एएनएम और सीएचओ ने इस मुद्दे पर सीएमओ कार्यालय के घेराव की घोषणा की थी।

बुधवार सुबह सीएमओ कार्यालय पर एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों की भारी भीड़ जुटी। इनमें एएनएम सुषमा, एकता वर्मा, मानकी वर्मा, हेमलता वर्मा, रुचि शुक्ला, श्वेता श्रीवास्तव, लालपति, पूजा यादव, रेनू सिंह, विनीता, किरण वर्मा, आरती, प्रीति और लक्ष्मी समेत कई महिलाएं शामिल थीं।

जब सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने लिखित आश्वासन दिया कि अधीक्षिका पर कार्रवाई की जा चुकी है, तब जाकर स्वास्थ्य कर्मियों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। इसके बाद सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थलों पर लौट आए और कामकाज सामान्य रूप से शुरू हो गया। स्वास्थ्य कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले को कर्मचारियों के लिए बड़ी जीत करार दिया और कहा कि भविष्य में भी अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष किया जाएगा।

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