धर्म-कर्म
सावन की कालाष्टमी—काल भैरव की पूजा विधि, महत्व और आशीर्वाद

17 जुलाई को सावन मास की कालाष्टमी मनाई जा रही है, जिसे काल भैरव पर विशेष ध्यान दिया जाता है। शुभ मुहूर्त शाम 7:08 बजे से शुरू होकर 18 जुलाई की शाम 5:01 बजे तक चलेगा, और निशा पूजा का समय रात 12:07 से 12:48 बजे तक रहेगा ।
भक्त सुबह ब्रह्ममुहूर्त में शुद्ध स्नान के बाद कैलाश या घर में भगवान शिव, माता पार्वती एवं काल भैरव की तस्वीर स्थापित करते हैं। दीपक, धूप, पुष्प अर्पण, और काल भैरव मंत्र “ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः” का जाप अनिवार्य रूप से किया जाता है। रात को काले कुत्ते को रोटी, दूध या घी अर्पित करना शुभ माना जाता है।
दान-पूजा में कच्चा दूध, कंबल, तेल, काली वस्त्र, घी आदि का वितरण लाभदायक और पुण्यदायी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं एवं घर में समृद्धि आती है।