गोंडा

सरयू नदी में बढ़ता प्रदूषण,कटरा घाट पर पूजा सामग्री और कचरे से खतरा

*गोंडा*

गोंडा जिले के अंतर्गत करनैलगंज तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत कटरा घाट स्थित पवित्र सरयू नदी के तट पर पूजा-पाठ के बाद बचे सामान और कचरे को नदी में डालने की समस्या गंभीर होती जा रही है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं द्वारा फूल, माला, प्लास्टिक की थैलियां, दीये और अन्य सामग्री नदी में प्रवाहित की जा रही है, जिससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। यह न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है,बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और जल जीवों के लिए भी हानिकारक सिद्ध हो रहा है। कटरा घाट, जहां रोजाना सैकड़ों लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, अब कचरे का ढेर बनता जा रहा है। नदी के किनारे बिखरा कचरा और पानी में तैरती प्लास्टिक की थैलियां नदी की सुंदरता को नष्ट कर रही हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि प्लास्टिक और अन्य अघटनीय पदार्थ नदी के जल को दूषित करते हैं,जिससे जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। यह नदी स्थानीय लोगों के लिए श्रद्धा के साथ ही पीने के पानी और सिंचाई का प्रमुख स्रोत है,ऐसे में प्रदूषण का यह स्तर चिंताजनक है। स्थानीय प्रशासन व सामाजिक संगठनों ने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं,जैसे कचरा जागरूकता अभियान चलाना, लेकिन इनका प्रभाव सीमित है। लोगों में जागरूकता की कमी और लापरवाही इस समस्या को और गंभीर बना रही है। क्षेत्रीय समाजसेवियों का सुझाव है कि नदी तट पर कचरा प्रबंधन के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं और जैविक पूजा सामग्री के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सरयू नदी को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता जरूरी है, ताकि हमारी यह पवित्र नदी और पर्यावरण संरक्षित रह सके।

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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