संसद में क्यों नहीं कहते… राहुल के लिए सिंघवी ने दी दलील, फिर भी कैसे सुप्रीम कोर्ट से कैसे खरी-खोटी सुन गए?

राहुल गांधी के चीनी कब्जे वाले दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को उनके चीनी कब्जे के दावे पर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ लहजे में कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते. हालांकि,सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत भी दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में लखनऊ की एक अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन पर रोक लगा दी. राहुल गांधी की ओर अभिषेक मनु सिंघवी दलील दे रहे थे. सिंघवी की दलील से राहुल गांधी का काम तो बन गया, मगर उन्हें राहत के साथ-साथ नसीहत भी मिली. यहां बताना जरूरी है कि अभिषेक मनु सिंघवी को हाल ही में राहुल गांधी ने अपना संकटमोचक बताया था.
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी दावा किया था कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया है. उन्होंने यह भी दावा किया था कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों को पीट रहे हैं. राहुल गांधी ने 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के संदर्भ में भारतीय सेना के बारे में टिप्पणी की थी. उसी मामले में उनके ऊपर आपराधिक मानहानि मामले की कार्यवाही चल रही है. गलवान में चीन सेना के साथ भारतीय सैनिकों की हुई झड़प पर टिप्पणी करने के मामले में राहुल गांधी की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अभिषेक मनु सिंघवी राहुल गांधी की ओर से पेश हुए.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी. इस दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी को फटकार लगाई और कहा, ‘भारतीय होने की वजह से आपकी टिप्पणी ठीक नहीं है. आपको कैसे पता चीन ने जमीन हड़प ली है? क्या आपके पास कोई सबूत है, कोई दस्तावेज है? विश्वसनीय जानकारी क्या है? एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा. जब सीमा पार कोई विवाद हो तो क्या आप ये सब कह सकते हैं? यहां बताना जरूरी है कि यह सख्त टिप्पणी मौखिक थी और आदेश का भाग नहीं.
‘आप कुछ भी नहीं कह सकते’
इसके बाद सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर विपक्ष का नेता मुद्दे नहीं उठा सकता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी. ‘अगर वह प्रेस में प्रकाशित चीजें नहीं कह सकते, तो वह विपक्ष के नेता नहीं हो सकते.’ इस पर जस्टिस दत्ता ने पूछा कि राहुल गांधी को ये मुद्दे सोशल मीडिया पर क्यों उठाने पड़े और संसद में क्यों नहीं. उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी आपको कहना है, आप संसद में क्यों नहीं कहते? आपको यह सोशल मीडिया पोस्ट में क्यों कहना पड़ता है? सिर्फ इसलिए कि आपके पास 19(1)(a) यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. आप कुछ भी नहीं कह सकते.’
सिंघवी की दलील और जज साहब का जवाब
जस्टिस दत्ता ने सिंघवी से आगे पूछा कि ‘2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जा कैसे हुआ. क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सामग्री है? आप बिना किसी… क्यों ये बयान देते हैं. अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते. जब सीमा पर संघर्ष होता है, तो दोनों पक्षों पर हताहत होना असामान्य नहीं है?’ इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसे शिकायतें दर्ज करना किसी को सवाल पूछने के लिए परेशान करने का तरीका है. उन्होंने यह भी कहा कि बीएनएसएस की धारा 223 के तहत आरोपी को सुनवाई का अधिकार है इससे पहले कि अदालत आपराधिक शिकायत पर कार्रवाई करे – लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. हालांकि,जस्टिस दत्ता ने नोट किया कि यह तर्क पहले उच्च न्यायालय में नहीं उठाया गया था.
कोर्ट में और क्या बात हुई?
सिंघवी: अगर आदेश कुछ हद तक आपत्तिजनक और कुछ हद तक गलत है, तो संज्ञान लेने का आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं करता।
न्यायमूर्ति दत्ता: क्या आपने ये मुद्दा उच्च न्यायालय में उठाया था? आप तो किसी और दिशा में चले गए थे।
सिंघवी: उच्च न्यायालय कहता है कि वो व्यक्ति पीड़ित नहीं है, बल्कि वही है जिसने मानहानि की है।
क्या है मामला
सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत की है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान ‘झूठे और निराधार’ थे, जिनका उद्देश्य भारतीय सेना का मनोबल गिराना और राष्ट्रीय मनोबल को नुकसान पहुंचाना था. इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 29 मई को राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी. राहुल गांधी ने समन आदेश और शिकायत को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह दुर्भावना से प्रेरित था. यहां की एक अदालत में दायर अपनी याचिका में शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2022 की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान गांधी ने चीन के साथ सीमा गतिरोध के संदर्भ में भारतीय सेना के बारे में कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं.