व्हाइट हाउस में रास्ता भटक जाते थे राष्ट्रपति बाइडेन? अमेरिकी सीनेटर का चौंकाने वाला दावा, सेहत पर फिर उठे सवाल

वाशिंगटन:
अमेरिका की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल में है। सीनेटर जोश हॉले ने हाल ही में एक साक्षात्कार में एक ऐसा दावा किया है जिसने राष्ट्रपति जो बाइडेन की मानसिक स्थिति और उनके कार्यकाल को लेकर नई बहस छेड़ दी है। हॉले का कहना है कि एक सीक्रेट सर्विस एजेंट ने उन्हें बताया कि बाइडेन कई बार व्हाइट हाउस में अपने ही कमरे से बाहर नहीं निकल पाते थे, यानी वे अपने ही आवास में “गुम” हो जाते थे। हॉले ने इसे “गंभीर और चौंकाने वाली बात” बताते हुए कहा कि “हमसे इस बारे में झूठ बोला गया।”
फैसलों में कितनी थी बाइडेन की भूमिका?
यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी कांग्रेस की ओवरसाइट कमेटी के चेयरमैन जेम्स कोमर राष्ट्रपति कार्यालय में लिए गए फैसलों और उनके दस्तखतों की वैधता की जांच कर रहे हैं। जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या कुछ आधिकारिक आदेशों पर बाइडेन की मौजूदगी के बिना ऑटोपेन (एक इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर प्रणाली) से हस्ताक्षर किए गए। कोमर ने व्हाइट हाउस के डॉक्टर केविन ओ’कॉनर की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि बाइडेन की सेहत से जुड़ी अहम जानकारियां आम जनता से छुपाई गईं।
प्रोस्टेट कैंसर का खुलासा और उठते सवाल
82 वर्षीय जो बाइडेन ने इसी महीने स्वीकार किया कि उन्हें आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इसकी शुरुआत कब हुई थी। इस खुलासे के बाद अटकलें तेज हो गईं कि कहीं ये बीमारी उनके राष्ट्रपति रहते ही तो नहीं शुरू हुई थी और जानबूझकर इसे छुपाया गया? बाइडेन के करीबी सहयोगी इन तमाम आरोपों को राजनीतिक हमला बताते हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रपति पूरी तरह सक्षम थे और उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में सभी निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभाई।
राजनीति गरमाई, जनता के मन में सवाल
इस विवाद ने अमेरिकी राजनीति को गरमा दिया है। राष्ट्रपति चुनाव नज़दीक हैं, और बाइडेन की मानसिक व शारीरिक स्थिति को लेकर उठते सवाल उनके भविष्य की राह में मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। हॉले के बयान ने जहां बाइडेन की आलोचना करने वालों को नया हथियार दे दिया है, वहीं व्हाइट हाउस पर पारदर्शिता की कमी को लेकर भी बहस छिड़ गई है। सवाल यही है — क्या अमेरिकी जनता को अपने राष्ट्रपति की वास्तविक हालत जानने का अधिकार नहीं है?