रोजगार परक प्रशिक्षण का समापन

बलिया – कृषि विज्ञान केंद्र सोहाँव बलिया द्वारा *जायद के मौसम मे सब्जी उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक** पर पांच दिवसीय रोजगार परक प्रशिक्षण का आयोजन दिनाँक 18 फरवरी से 22 फरवरी 2025 तक कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार कक्ष मे किया गया l प्रशिक्षण के शुभारम्भ मे कृषि विज्ञान केंद्र बलिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार ने सभी प्रशिक्षणार्थी किसानों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की , उन्होंने कहा कि किसान भाई यह प्रशिक्षण पांच दिवस तक लगातार चलेगा जिसमे जायद के मौसम मे सब्जी उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक को अपना करके अच्छा लाभ प्राप्त कर अपनी आय बढा सकते हैं l प्रशिक्षण के अनुदेशक, उधान वैज्ञानिक डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि जायद की सब्जियों कीखेती को करके किसान भाई कम समय मे अधिक लाभ कमा सकते हैं, तथा जायद के मौसम में उगाई गई कुछ सब्जिया लंबे समय तक फल देती रहती हैं, जिसकी उपयोगिता वर्ष में लगभग 8 से 10 महीने तक लगातार बनी रहती है, जायद मौसम में सब्जियों का समय से बुवाई करे जिससे बीज के जमाव के लिए आदर्श तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड अच्छा होता है और जब तापमान बहुत अधिक हो जाता है तो सब्जियों के बीज मे सही जमाव नहीं हो पाता है इस स्थिति मे समय से बीज की बुवाई करके अधिक एवं गुणवत्तायुक्त उत्पाद प्राप्त कर अपनी आय को बढ़ाया जा सकता हैl प्रशिक्षण में फसल सुरक्षा के वैज्ञानिक डॉ अभिषेक यादव द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि सब्जियों की खेती करने से पहले भूमि शोधन एवं बीज शोधन करके ही खेत में नर्सरी डाले, कभी – कभी सब्जियों की नर्सरी में या पौधों में बीमारी लग जाती है तो उसका बचाव कर पाना अधिक खर्चीला होता है, और यदि सब्जियों में कीड़े लग जाए तो इसके लिए नीम के तेल का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए, यदि कीड़े एवं बीमारियों की समस्या बहुत अधिक है तो रसायन का प्रयोग करें, लेकिन कि रसायन का प्रयोग करने के तुरंत बाद सब्जियों को तोड़कर नहीं खाना चाहिए, डॉ अनिल कुमार पाल ने प्रथम दिवस पर ही किसानों को बताया कि सब्जी की बुवाई करने से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद का ही प्रयोग करें उसके बाद मिट्टी पलट हल से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना ले, और बीज की बुवाई करें, सड़ी गोबर की खाद डालने से खेत में कार्बन प्रतिशत की मात्रा बढ़ती है तथा पौधों में लगने वाले बीमारियां एवं कीड़े की संभावना कम हो जाती हैl मिट्टी में नमी के अनुसार पौधों को समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिएl पादप प्रजनन वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार सिंह के द्वारा किसानों को जायद मे उगाई जाने वाली विभिन्न सब्जियों के बीज उत्पादन की तकनीकी के बारे मे जानकारी दी l डॉ सोमेंद्र कुमार के द्वारा जायद में उगाई जाने वाली सब्जियों में विभिन्न प्रकार से की जाने वाली सस्य क्रियाओ के बारे में विस्तृत से बताया गयाl इस कार्यक्रम के सम्पादन में डॉ सतीश कुमार सिंह यादव एवं राकेश कुमार सिंह का भी सहयोग रहा l