अंतरराष्ट्रीय

रूस-ईरान दोनों से बात कर सकता है भारत…’ कान खोलकर सुन ले अमेरिका, जयशंकर ने बताई देश की ताकत

अमेरिका यात्रा पर पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में मतभेद और टकराव हो सकते हैं, लेकिन दोनों देशों को अपने संबंधों को लगातार आगे बढ़ाते रहना होगा. अमेरिकी मैगजीन न्यूज़वीक से बातचीत में जयशंकर ने दोनों देशों के ट्रेड डील, यूक्रेन युद्ध, और इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका को लेकर खुलकर अपनी बात रखी.

जयशंकर ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अपने अंतिम दौर में है, लेकिन इसमें सफलता की गारंटी नहीं दी जा सकती क्योंकि बातचीत में दूसरा पक्ष भी शामिल है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक साझा आधार ढूंढना होगा, और आने वाले कुछ दिनों में इस पर और तस्वीर साफ होगी.

जयशंकर ने भारत की आर्थिक प्रगति पर कहा कि देश में इस समय एक गहरा परिवर्तन हो रहा है. हमने पिछले 50-60 वर्षों की तुलना में हाल के वर्षों में दोगुनी गति से विकास किया है. जब तक यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन नहीं होता, भारत वैश्विक निवेश के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य नहीं बन सकता.

रूस-ईरान दोनों से बात कर सकता है भारत’

जयशंकर ने यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को लेकर कहा कि 2022 में हमने स्पष्ट कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है और इस संकट का हल युद्ध के मैदान में नहीं निकलेगा. उस वक्त यह लाइन लोकप्रिय नहीं थी, लेकिन आज यूरोप भी यही कह रहा है कि बैठकर बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों से संवाद बनाए रखा और खाद्य सुरक्षा, उर्वरक आपूर्ति व ग्रेन कॉरिडोर जैसे विषयों पर समाधान में योगदान दिया.

जयशंकर ने भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता की ओर इशारा करते हुए कहा कि बहुत कम देश हैं जो रूस और ईरान जैसे देशों से सीधे बात कर सकते हैं. भारत एक लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था है, बाजार आधारित अर्थव्यवस्था है और भविष्य की ओर देखने वाला समाज है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ‘पश्चिम विरोधी’ नहीं है और वह G7 सम्मेलनों में भाग लेने से लेकर ब्रिक्स व क्वाड जैसे मंचों पर भी सक्रिय है.

Quad समान भागीदारी का मंच’

जयशंकर ने कहा कि बिल क्लिंटन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक हर अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल के अंत में भारत-अमेरिका संबंध पहले से बेहतर हुए हैं. उन्होंने याद दिलाया कि जब वह अमेरिका में भारत के राजदूत थे, तब एक भारतीय राजनयिक (देवयानी खोबरागड़े) से जुड़ा विवाद एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए.

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की रणनीति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि क्वाड (Quad) एक बहुत ही रोचक अंतरराष्ट्रीय मंच है. यह पहली बार ट्रंप प्रशासन में सक्रिय रूप से सामने आया था और चारों देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा, महामारी तैयारियों और अन्य रणनीतिक मामलों पर समान भागीदारी से काम कर रहे हैं.

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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