मारे गए पहलगाम हमले के गुनहगार! ऑपरेशन महादेव को बड़ी सफलता, सेना से मुठभेड़ में 3 आतंकी ढेर

श्रीनगर जिले के बाहरी इलाके में स्थित लिदवास के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हो गई. सेना ने इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन महादेव’ का नाम दिया है. सूत्रों के मुताबिक, सेना को लिदवास क्षेत्र के घने जंगलों में चार आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी. वहीं अब तक की कार्रवाई में तीन आतंकियों को मार गिराने की खबर है, जबकि एक अन्य की तलाश जारी है.
भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने ऑपरेशन महादेव की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भीषण मुठभेड़ में 3 आतंकियों को मार गिराया गया. ऑपरेशन अभी जारी है. मारे गए आतंकियों के पास भारी मात्रा में हैंड ग्रेनेड बरामद हुए हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि इन मारे गए आतंकियों का पहलगाम आतंकी हमले से कनेक्शन हो सकता है. दरअसल कु़छ दिनों पहले ही नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनसे मिले इनपुट के बाद सेना ने यह ऑपरेशन किया था.
दरअसल सेना ने इसी महीने डाचीगांव इलाके में एक संदिग्ध टेररिस्ट कम्युनिकेशन पकड़ा था. शक था कि इस कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले का पहलगाम हमले से संबंध हो सकता है. इसके बाद सेना की कई टुकड़ियों को उस इलाके में तैनात किया गया और तब से वे इलाके में सर्च ऑपरेशन और निगरानी कर रही थीं. आज सुबह करीब 11:30 बजे 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा की एक टीम ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेरा. खुद को घिरा हुआ देख आतंकियों ने गोलीबारी कर दी, जिसके बाद सेना की जवाबी फायरिंग में 3 आतंकी मारे गए. हालांकि अभी पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि ये आतंकी वही हैं.
पहलगाम के बैसरण घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला कर दिया. इन आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर उनको गोली मार दी थी. इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे. इस हमले की जिम्मेदारी शुरुआत में द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी, जो पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक मोर्चा माना जाता है. हालांकि बाद में उसने इस हमले में हाथ से इनकार कर दिया था