POLITICS

महाराष्ट्र की सियासत में नए समीकरण: विपक्षी एकता की बढ़ती जरूरत

महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों तेज़ मोड़ पर है। जहां एक ओर सत्ताधारी गठबंधन मजबूत दिखने की कोशिश कर रहा है, वहीं विपक्ष में नई संभावनाओं की चर्चा ज़ोर पकड़ रही है। खासकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें राजनीतिक हलकों में गर्म हैं। यह चर्चा कोई नई नहीं है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के बीच इसे नए मायने मिलते जा रहे हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने हाल ही में कहा कि “महाराष्ट्र को बचाना है तो उद्धव और राज ठाकरे को साथ आना होगा।” इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। राज ठाकरे, जो कभी शिवसेना का हिस्सा थे, अब अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता हैं और अक्सर अपने स्वतंत्र रुख के लिए जाने जाते हैं।

अगर यह गठबंधन होता है, तो यह राज्य की विपक्षी राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे न सिर्फ शिवसेना को ताकत मिलेगी, बल्कि मराठी मतदाताओं में फिर से एक नई उम्मीद जग सकती है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच पुराने मतभेद अब भी एक बड़ी बाधा हैं।

राजनीति में कोई भी संभावना हमेशा के लिए बंद नहीं होती। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ठाकरे बंधु फिर से एक मंच पर आ पाते हैं या नहीं।

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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