मृत्यु भोज का बहिष्कार,समाज के विकास पर चिंतन

लोकेशन मऊरानीपुर झांसी
रिपोर्टर नरेंद्र प्रताप सिंह
क्षेत्र के ग्राम निपान में झुरिया मोहल्लामें एक क्षेत्रीय बैठक का आयोजन बौद्ध महासभा के तत्वाधान में किया गया,जिसकी अध्यक्षता रनमत अहिरवार पूर्व प्रधान ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कालका प्रसाद अध्यापक व सामाजिक कार्यकर्ता रहे। बैठक में सर्वसम्मति से मृत्यु भोज त्यागने का निर्णय लिया गया। नशा व जुआ से दूर रहने की अपील की गई।
रामसेवक फौजी ने कहा की मृत्यु भोज कुरीति है।पशु पक्षी भी अपने साथी के मरने पर दुखी हो जाता,हम मानव होकर भी अपने साथी मानव के मरने का जश्न मनाते।इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए। डॉ रणजीत सिंह ने संत गाडगे की बात दोहराते हुए कहा कि आधी रोटी कम खाओ लेकिन बच्चों को जरूर पढ़ाओ। राजू नेता रमपुरा ने कहा कि माता पिता की सेवा जीवित रहते करनी चाहिए मरने के बाद मृत्यु भोज में खर्च कर दिखावा करना गलत है। ताराचंद भास्कर जी ने कहा मृत्यु भोज समाज के विकास में बाधक है।राधेलाल बौद्ध ने कहा कि मृत्यु भोज खाना छोड़ दिया जाए तो यह समस्या कुछ दिन में अपने आप समाप्त हो जाएगी। प्रेम चौधरी ने कहा अनेक कुरीतियों और परंपराएं समाज अज्ञानता व डर के कारण मानता है, शिक्षा को बढ़ावा देकर अज्ञानता और भय दूर होगा।अपने संवैधानिक अधिकार की भी भय लोभ लालच से न देकर समाज हित मे देना चाहिए। रामदास बरारू ने कहा कि मृत्यु भोज दिखावा व पाखण्ड है।अशोक निपान ने कहा कि सक्षम व समर्थ लोग मृत्यु भोज करना व खाना छोड़ देंगे तो मृत्यु भोज बहिष्कार आंदोलन तेजी से सफल होगा।रिखेश्वर पूर्व प्रधान ने कहा कि समाज को मृत्यु भोज के साथ ही नशा और जुआ भी छोड़ना होगा।राकेश बाल्मीकि ने बच्चों को अच्छे संस्कार देने पर जोर दिया।लखनलाल अध्यापक में कहा कि यदि गौतम बुद्ध के बताए मार्ग को समाज अपना ले तो कुरीतियों से स्वतः मुक्ति मिल जाएगी।कालका प्रसाद ने कहा कि भाईचारा बनाकर समाज की शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार पर बल देना होगा।अगर लोग अपने पुरखों की याद में कुछ करना चाहते हैं तो मृत्यु भोज न कर कुछ रचनात्मक जनकल्याण का काम करना चाहिए।रामकुमार यादव जी माते ने कहा की मृत्यु भोज सभी समाज है छोड़ रही हैं इसका मतलब यह किसी प्रकार से लाभदायक नहीं।
इसके साथ ही बैठक को भुवन यादव, बलराम नेता,महेश प्रजापति,सीताराम बरारू,ज्वाला प्रसाद,पंचमलाल गरौठा, अखिलेश गौतम, लक्ष्मी राम,केशव दास,सीताराम चौधरी,परमाल, नारायण दास,कालका निपान,प्रकाश चंद्र,योगेश कुमार,हरीदास, मुन्ना, जियालाल आदि सहित दर्जनों उपस्थित रहे।