भारत से खौफ का नया नाम ‘हिमगिरी’, अटैकिंग और डिफेंसिव ताकत का सरताज, जल्द होगा नौसेना में शामिल

आत्मनिर्भर भारत की मुहिम में एक के बाद एक स्वदेशी वॉरशिप नौसेना को सौंपे जा रहे हैं. इसी कड़ी में 31 जुलाई को प्रोजेक्ट 17A के तहत बने एडवांस स्टेल्थ फ्रीगेट हिमगिरी नौसेना को सौंप दिया गया. इस वॉरशिप का निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर एंड इंजीनियर (GRSE) ने किया है. हिमगिरी नीलगिरी क्लास का तीसरा शिप है. इससे पहले नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी भी 1 जुलाई को नौसेना को सौंपा गया था. पहला INS नीलगिरी को इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेवी में शामिल किया था.
हिमगिरी की ताकत
इसकी खासियत है कि यह एंटी सर्फेस और एंटी शिप वॉरफेयर के लिए ब्रह्मोस से लैस है. एंटी एयर वॉरफेयर के लिए एयर डिफेंस गन और बराक 8 लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल, एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए वरुणास्त्र और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस है. यह फ्रीगेट सोनार, कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम और मल्टी फंक्शन डिजिटल रडार से लैस है, जो लंबी दूरी से आने वाले अटैक को डिटेक्ट, ट्रैक और इंटरसेप्ट कर सकता है. इस फ्रीगेट में 2 हेलिकॉप्टर भी आसानी से लैंड कर सकते हैं और उन्हें रखने के लिए हैंगर भी मौजूद है. इस प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए जारहे सभी 7 फ्रीगेट में 75 फीसदी उपकरण स्वदेशी कंपनियों से लिए गए हैं. इसका डिज़ाइन भी स्वदेशी है, और इसका स्टील भी स्वदेशी है. इसका डिज़ाइन नेवी वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. 6600 टन वजनी यह फ्रीगेट 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है.
देश में ही बन रहे हैं गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट
प्रोजेक्ट 17A के तहत 7 नीलगिरी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट नौसेना के लिए बनाए जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के 5 शिप साल 2019 से 2022 के बीच MDL और GRSE शिपबिल्डर लॉन्च कर चुके हैं। सभी के समुद्री परीक्षण जारी हैं. इन सभी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट के नौसेना में शामिल होने के बाद नीले समुद्र में भारत की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा.
गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट की भरमार
इस वक्त भारतीय नौसेना के पास स्टेल्थ फ्रीगेट की संख्या की बात करें तो प्रोजेक्ट 11356 के तहत 10 फ्रीगेट रूस से लिए गए हैं. जिसमें तलवार क्लास की 3, उसका फॉलोऑन तेग क्लास की 3 नौसेना में शामिल हैं. गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट तलवार क्लास के फॉलोऑन प्रोजेक्ट में से तुशिल और तमाल शामिल किए गए हैं. 2 और आने हैं. इसके अलावा प्रोजेक्ट 17 के तहत 3 शिवालिक क्लास फ्रीगेट नौसेना में शामिल हैं और उसके फॉलोऑन प्रोजेक्ट के नीलगिरी क्लास के 7 फ्रीगेट में से पहला INS नीलगिरी शामिल हो चुका है. यानी आने वाले समय में भारतीय नौसेना के बेड़े में 20 गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट मौजूद होंगे. प्रोजेक्ट 17 और 17A के सभी फ्रीगेट के नाम भारत के पर्वत श्रृंखलाओं पर रखे गए हैं. शिवालिक, शयाद्री, सतपुड़ा, नीलगिरी, हिमगिरी, तारागिरी, उदयगिरी, दूनागिरी, महेंद्रगिरि और विंध्यागिरी.