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भाजपा उम्मीदवार की नागरिकता पर सवाल उठाने से बंगाली हिंदू खतरे में पड़ जाएंगे – हिमंत

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कांग्रेस द्वारा धोलाई से उनके 48 वर्षीय पार्टी उम्मीदवार निहार रंजन दास की नागरिकता के बारे में सवाल उठाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के सवाल उठाने से विदेशी न्यायाधिकरण अन्य बंगाली हिंदुओं को नोटिस भेजने के लिए उकसा सकता है, जिससे उनका उत्पीड़न हो सकता है।

मंगलवार को निहार के लिए प्रचार करने धोलाई आए सरमा ने कहा कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार पर सवाल उठाकर बराक घाटी के बंगाली हिंदुओं के लिए समस्याएं पैदा करना चाहती है।

उन्होंने कहा, “अगर विदेशी न्यायाधिकरण 10 और परिवारों को नोटिस भेजता है, 100 और लोगों को सुनवाई के लिए लाता है, तो इसका खामियाजा किसे भुगतना पड़ेगा? आम लोगों को। जो भी इस तरह के सवाल उठाएगा, चाहे वह भाजपा का सदस्य हो, कांग्रेस पार्टी का या कोई और, आम लोगों को भुगतना पड़ेगा। यही हम नहीं चाहते हैं।”

धोलाई असम की उन पांच विधानसभा सीटों में से एक है जहां 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे।

सरमा ने कहा, “हमने इस (नागरिकता) मुद्दे को सुलझा लिया है, जिससे यहां कई बंगाली हिंदुओं को राहत मिली है। लेकिन कांग्रेस गलत इरादे से इसे फिर से उठाना चाहती है।”

मुख्यमंत्री का यह जवाब कांग्रेस द्वारा भाजपा पर तीखे हमले के एक दिन बाद आया है, जिसमें दावा किया गया था कि पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिसके पिता अभी भी बांग्लादेश में रहते हैं। इस मुद्दे को उठाने वाले कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भाजपा के एक बागी थे, जिन्होंने सबसे पहले निहार की नागरिकता के बारे में सवाल उठाए थे।

असम में कांग्रेस के प्रभारी सिंह ने सोमवार को कहा, “यह आरोप भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने लगाया है और मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इसका जवाब देंगे।”

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