महाराष्‍ट्र

महाराष्ट्र में हिंदी थोपने का विरोधमहाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और एमएनएस के राज ठाकरे ने स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के कथित प्रस्ताव के खिलाफ एकजुट होकर विरोध जताया।

महाराष्ट्र में हिंदी थोपने का विरोधमहाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और एमएनएस के राज ठाकरे ने स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के कथित प्रस्ताव के खिलाफ एकजुट होकर विरोध जताया। दोनों नेताओं ने इसे मराठी भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता पर हमला बताया। शिक्षा बोर्ड के प्रस्ताव के बाद मुंबई और पुणे में प्रदर्शन हुए, जिसमें कार्यकर्ताओं ने भाषाई स्वायत्तता की मांग की। उद्धव ने कहा कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा हो सकती है, लेकिन इसे थोपना स्वीकार्य नहीं। राज ने मराठी को प्राथमिकता देने की बात कही। सरकार ने स्पष्ट किया कि हिंदी वैकल्पिक है, लेकिन ठाकरे बंधुओं ने लिखित आश्वासन मांगा। यह गठजोड़, हालांकि अस्थायी, 2006 के बाद दोनों नेताओं का पहला साझा कदम है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आगामी चुनावों में क्षेत्रीय समर्थन जुटाने की रणनीति हो सकती है। इस विवाद ने भारत की भाषाई विविधता और राष्ट्रीय-क्षेत्रीय संतुलन पर बहस छेड़ दी है। शिक्षाविदों ने समावेशी भाषा नीति की वकालत की, जो सभी भाषाओं का सम्मान करे। यह घटना महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिशीलता को उजागर करती है

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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