अंतरराष्ट्रीय

ब्रह्मोस मिसाइल के निशाने पर आएगा तुर्की, पाकिस्तान का साथ एर्दोगन को पड़ेगा भारी, भारत चुकता करेगा हिसाब

पाकिस्तान पर भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चली ब्रह्मोस मिसाइल ने जैसी दहशत फैलाई, उसकी गूंज अब एशिया से निकलकर यूरोप तक पहुंच चुकी है. भारत के इस घातक हथियार का खौफ अब तुर्की की सरहद पर महसूस किया जा रहा है. ग्रीस ने खुलकर कहा है- अगर तुर्की के पास रूस का S-400 है, तो हमारे पास होगा भारत का ब्रह्मोस! ग्रीस का ये बयान तुर्की को सीधी चेतावनी की तरह देखा जा रहा है. तुर्की की मीडिया अब अपने नागरिकों को भारत की ब्रह्मोस मिसाइल से डराने लगी है. वजह साफ है – ये वही मिसाइल है जिसने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में कांपने पर मजबूर कर दिया था. गौरतलब है कि तुर्की और ग्रीस दोनों नाटो के सदस्य हैं, लेकिन उनके बीच लंबे समय से समुद्री सीमा और साइप्रस को लेकर तीखा विवाद चला आ रहा है. अब इस क्षेत्रीय टकराव में भारत की ब्रह्मोस तकनीक निर्णायक हथियार बनती दिख रही है.

तुर्की पाकिस्तान का यार है और भारत के खिलाफ कदम उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ता. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान ने भारत पर हमले किए तो इसमें तुर्की और चीन के हथियार भी इस्तेमाल हुए. यही कारण है कि भारतीय सेना के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने साफ कहा है कि भारत सिर्फ पाकिस्तान से नहीं बल्कि चीन और तुर्की से भी लड़ रहा था. तुर्की के सैन्य विश्लेषकों की नींद उस वक्त उड़ गई, जब एक एनिमेशन वीडियो सामने आया. इसमें दिखाया गया कि ग्रीस, भारत से मिली ब्रह्मोस मिसाइलों से तुर्की के युद्धपोतों को टारगेट कर रहा है. ग्रीस 300 किमी की रेंज वाला सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है.

ग्रीस को मिलेगी लंबी दूरी की मिसाइल?

ग्रीस स्थित जियोस्ट्रेटिगिका अखबार में प्रकाशित समाचार में दावा किया गया है कि भारत ग्रीस को 1,000 किलोमीटर की क्रूज मिसाइल देगा. ग्रीक प्रेस ने कहा कि क्रूज मिसाइलों के क्षेत्र में ग्रीस और भारत के बीच संभावित सहयोग से ग्रीस को बेहद दूर तक मारने का मौका मिलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक ‘भारत ने ग्रीस को लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) की आपूर्ति के लिए एक अनौपचारिक प्रस्ताव दिया है.’ ग्रीस के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर ब्रह्मोस को ग्रीस और तुर्की के बीच मौजूद एजियन समुद्री द्वीपों पर तैनात कर दिया गया, तो तुर्की की नौसेना को जवाब देने का वक्त नहीं मिलेगा. इसके अलावा कहा जा रहा है कि जब मिसाइल की रेंज 300 से 1000 किलोमीटर के बीच हो तो तुर्की के एयरबेस, रडार और डिफेंस सिस्टम भी सुरक्षित नहीं रहेंगे.

ब्रह्मोस के नाम से क्यों कांप रहा तुर्की?

असल में तुर्की जानता है कि ब्रह्मोस कोई आम मिसाइल नहीं है. यह भारत और रूस की साझा मेहनत से बनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो आवाज की रफ्तार से तीन गुना तेज चलती है और एक बार निशाना साध लिया जाए तो टार्गेट का बचना लगभग नामुमकिन है. अब जब भारत ने ग्रीस को 1000 किलोमीटर तक मार करने वाली LR-LACM देने की पेशकश की है, तो तुर्की को लग रहा है कि उसकी ‘पारंपरिक बढ़त’ अब खत्म हो रही है. हालांकि तुर्की का मीडिया यह भी मान रहा है कि हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण तुर्की से संबंध खराब हुए हैं.

भारत-ग्रीस दोस्ती में गर्माहट क्यों?

जून के अंतिम सप्ताह में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ग्रीस के दौरे पर गए थे. वहां उन्होंने हेलेनिक एयरफोर्स चीफ से मुलाकात की, राफेल फाइटर का सिम्युलेटर देखा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग के कई बिंदुओं पर चर्चा की. उसी दौरान ग्रीस की राजधानी एथेंस में आयोजित DEFEA-25 एक्सपो में भारत ने अपने LR-LACM का मॉडल भी पेश किया. हालांकि यह सीधा संदेश है कि अगर आप पाकिस्तान के साथ खड़े हो, तो भारत अकेला नहीं है.

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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