ईरान में ‘मरे हुए’ फिर से जिंदा! इजरायल की स्ट्राइक और ट्रंप की तबाही वाले दावे फुस्स

ईरान-इजरायल के बीच युद्ध में सीजफायर हो चुका है. सीजफायर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल ने दावे किए कि उन्होंने तेहरान में खूब तबाही मचाई. लेकिन अब ऐसे दावे फुस्स होते नजर आ रहे हैं. क्योंकि तेहरान में शनिवार को जो नजारा दिखा उसने हर किसी को हैरान कर दिया. तेहरान में शनिवार को काले कपड़े पहने हजारों लोग, हाथों में झंडे और तस्वीरें लिए सड़कों पर उमड़ पड़े थे. वजह? ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन की जंग में मारे गए करीब 60 लोगों की ‘राजकीय विदाई’. लेकिन इस अंतिम विदाई में कुछ ऐसा भी हुआ जिसने दुनियाभर की निगाहें चौंधिया दीं. जिन जनरल्स को इजरायली हमलों में मारा गया बताया जा रहा था, वे खुद जनाजे में शरीक हो गए.
IRGC कुद्स फोर्स के कमांडर इस्माइल कानी, जिनकी मौत इजरायली स्ट्राइक में बताई जा रही थी वे शनिवार को अंतिम यात्रा में भीड़ को हाथ हिलाते नजर आए. ठीक उनके बगल में थे अली शामखानी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार. इनके बारे में IDF (इजरायली डिफेंस फोर्स) ने दावा किया था कि 13 जून को वे मार दिए गए हैं.
ईरान की तबाही की कहानी में अब सवाल ही सवाल
इजरायली मीडिया और खुद डोनाल्ड ट्रंप ने भी दावा किया था कि तेहरानमें ‘कमांड स्ट्राइक’ कर कई टॉप अफसरों को खत्म कर दिया गया है. लेकिन शनिवार की इस जिंदा तस्वीरों ने पूरी कहानी को पलट दिया.ईरान के विदेश मंत्री ने ट्रंप के बयान को “पूरी तरह अस्वीकार्य” कहा और इजरायल की कथित सफलता को “झूठ का बबल” करार दिया.
जनाजे में थे असली ‘शहीद’ – कमांडर, वैज्ञानिक, मासूम बच्चे
इस जंग में सच में जिन लोगों की जान गई उनमें शामिल हैं मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी. वह ईरानी आर्म्ड फोर्सेज के नंबर दो थे. उन्हें उनकी पत्नी और पत्रकार बेटी के साथ दफन किया गया. परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और उनकी पत्नी को भी एकसाथ विदाई दी गई. IRGC के कमांडर हुसैन सलामी, जो युद्ध के पहले दिन मारे गए थे, उन्हें भी सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
लोगों के हाथों में थे बैनर- बूम बूम तेल अवीव
शहर की सड़कों पर जैसे सैलाब उमड़ पड़ा था. हजारों लोगों की भीड़ में युवा, बुज़ुर्ग, महिलाएं और स्कूली बच्चे शामिल थे, जिनके हाथों में ईरानी झंडों के साथ-साथ इजरायल के खिलाफ गुस्से से भरे बैनर भी थे. सबसे ज्यादा नज़रें खींचता था – “बूम बूम तेल अवीव” – यह नारा जो ईरान की मिसाइल जवाबी कार्रवाई का प्रतीक बन चुका है. यह वही पल था जब भावनाएं मातम से निकलकर प्रतिरोध और जज़्बे में तब्दील हो रही थीं.