बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर* *रामसूरत पीएचसी तीन माह से डॉक्टर विहीन, जांच सेवाएं भी ठप

अयोध्या।जनपद के कोछा स्थित शहीद रामसूरत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का आलम यह है कि यहां बीते तीन माह से न तो चिकित्सक उपलब्ध हैं और न ही कोई जांच सुविधा। करीब 25 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र के लिए यह पीएचसी ही एकमात्र सहारा है, लेकिन खुद पीएचसी ही इलाज की मोहताज है।
कोछा, दयालजोत, असरेवा, सरायखरगी, शिवतर, मुमारिचनगर, डेहरियांवा, मौरांवा समेत करीब 15 गांव इसी स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े हैं। इसके बावजूद, डॉक्टर से लेकर लैब टेक्नीशियन तक की अनुपलब्धता ने ग्रामीणों को दर-दर भटकने पर मजबूर कर दिया है।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विनय सिंह बीते तीन माह से मातृत्व अवकाश पर हैं। वहीं, लैब टेक्नीशियन मोहम्मद सईद को सीएचसी बीकापुर से संबद्ध कर दिया गया है, जिससे खून और अन्य आवश्यक जांचें पूरी तरह ठप हो चुकी हैं। इसके चलते मरीजों को निजी जांच केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
हेल्थ एटीएम बना शोपीस, सफाई व्यवस्था भी बेहाल
स्वास्थ्य केंद्र पर प्रशिक्षित स्टाफ का अभाव इस कदर है कि सरकार द्वारा लगाया गया हेल्थ एटीएम केवल शोपीस बनकर रह गया है। सफाईकर्मी की तैनाती न होने से अस्पताल परिसर झाड़ियों और गंदगी से पटा पड़ा है। फार्मासिस्ट दुर्गेश पांडेय ने बताया कि निजी खर्च से सफाई करवानी पड़ती है।
प्रसव सुविधा भी नहीं, प्रसूताओं को करना पड़ता है लंबा सफर
जलापूर्ति के लिए लगा मोटर अक्सर खराब रहता है। प्रसव की कोई सुविधा न होने से प्रसूताओं को कोछा, बनकट, सीएचसी बीकापुर या अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की शरण लेनी पड़ती है।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने उठाई आवाज
बीडीसी अनूप पांडेय, तनवीर अहमद, विनोद कुमार शुक्ला और हरिओम तिवारी समेत कई जनप्रतिनिधि आदि सभी मौजूद रहे।