बटला हाउस पर डिनॉमिनेशन के लिए हाई कोर्ट ने लगाई रोक, DDA से मांगी रिपोर्ट

दिल्ली के बटला हाउस में याचिका दायर करने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका पर अंतिम राहत दे दी है। दादा को नोटिस जारी कर डिनॉमिनेशन की रिपोर्ट मांगी गई है। फिलहाल हाई कोर्ट की ओर से डिनॉमिनेशन की याचिकाओं पर रोक लगा दी गई है। वहीं अन्य याचिका को टालते हुए इस मामले पर कोर्ट द्वारा 10 जुलाई को सुनवाई के आदेश दिए गए हैं।
कोर्ट खसरा संख्या कोड नहीं मानती
आपको बता दे कि बटला हाउस में डिनॉमिनेशन के लिए याचिका दर्ज की गई थी जिस पर कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि खसरा संख्या 2468 को कोर्ट नहीं मानती उन्हें इसके लिए डिनॉमिनेशन की पूरी रिपोर्ट चाहिए जिसके आधार पर फैसला लिया जाएगा। वही कोर्ट एक खसरे का हिस्सा मानते हुए रिपोर्ट पेश करने की बात कही है। और पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का फैसला लिया जाएगा इसके लिए कोर्ट ने सुनवाई की तारीख भी आगे बढ़ा दी गई है और धार याचिका को खारिज कर दिया है।
डीडीए को दिया सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश
दरअसल डिनॉमिनेशन के लिए आधार बनाते हुए डीडीए को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया है। वही दीदी का कहना है कि उन्होंने केवल सर्वोच्च न्यायालय से आए खसरा संख्या के निर्माण के आधार पर ही कार्रवाई की है अन्य खसरा संख्या पर कार्रवाई न करते यह उन्होंने कोर्ट में अपनी याचिका दर्ज करें इसके बाद कोर्ट ने कुछ याचिकाओं पर रहता दिया तो वहीं कुछ याचिकाओं पर रिपोर्ट ने दर्ज करने के आधार पर खारिज कर दी है।
कोर्ट ने डीडी की कार्रवाई पर लगाई रोक
दरअसल हाई कोर्ट की ओर से डीडीए द्वारा की गई कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है इस दौरान दादा का कहना है की रिपोर्ट में साफ तौर पर खसरा संख्या दर्ज की जाए रिपोर्ट के आधार पर ही एक्शन लिया जाएगा और उसके आधार पर ही फैसला सुनाया जाएगा वही आपको बता दे कि इससे पहले भी कोर्ट की ओर से डीडीए की अन्य कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी जिसके बाद कोर्ट ने साफ तौर पर यह जाहिर किया कि अब फैसला रिपोर्ट के आधार पर ही किया जाएगा क्योंकि फैसला लेने के लिए मात्र खसरा संख्या बेहद उ आवश्यक नहीं है। साथ में रिपोर्ट होने से फैसला न्याय पूर्ण किया जा सकता है। जिसको लेकर हाल ही में कोर्ट ने डीडीए द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पर रोक लगानिष्पक्षिता
निष्पक्षिता से लिया जा सकता है फैसला
कोर्ट का कहना है की रिपोर्ट के आधार पर फैसला न्याय पूर्ण व निष्पक्षता से लिया जा सकता है क्योंकि यह फैसला केवल एक निजी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि जनता के हित के लिए है जिसके लिए उन्होंने हाल ही में डीडीए की कार्रवाई पर भी रोक लगा दी गई है उनका कहना है की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करना उचित होगा वही जो ने डीडीए की ओर से याचिका को भी खारिज कर दिया गया है क्योंकि फैसला क्योंकि फैसला रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा ना कि खसरा संख्या के आधार पर। इस दौरान कोर्ट ने हाल ही में याचिका को टालते हुए 10 जुलाई पर सुनवाई के आदेश दिए हैं।