POLITICS

पूर्वोत्तर प्रदेश में युवा वर्ग की राजनीति: जी-जेड में उग्रता और बिहार चुनाव

दक्षिण एशिया में पिछले कुछ वर्षों में युवाओं की नाराजगी ने कई मौकों पर सरकारें बदल दी हैं। इसी क्रम में बिहार में होने वाले राज्य-सभा एवं विधानसभा चुनावों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या युवाओं की राजनीति और नई मांगों का दबाव मुख्यधारा में बदलाव ला सकेगा?
विशेष रूप से जेनेरेशन ज़ेड (जन्म-लगभग 1997–2012) ने पारंपरिक राजनीतिक संरचनाओं पर सवाल उठाए हैं—स्वास्थ्य, नौकरियाँ, सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर उनकी उम्मीदें बढ़ी हैं। बिहार, जो भारत का सबसे युवा राज्य माना जाता है, संघर्षों की इस नई लहर से अभिभूत है।
इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के लिए चुनौतियाँ बढ़ चुकी हैं क्योंकि युवा मतदाता सिर्फ पैरोकार नहीं बल्कि मांगकर्ता बन चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यदि युवा वर्ग की अपेक्षाएँ पूरी नहीं हुईं, तो आगामी चुनावों में ‘उग्र बदलाव’ देखने को मिल सकते हैं।
इसके साथ-साथ, बिहार में पारंपरिक जातिगत समीकरण और स्थानीय नेता-शक्ति पैठ अब युवा-उन्मुख एजेंडों से कटकर न सिर्फ बदलना चाह रही है बल्कि नया समीकरण बना रह

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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