पशुपति पारस का लालू से तीन बार मिलना: क्या महागठबंधन में शामिल होंगे?

पिछले एक हफ्ते में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने तीन बार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है। इन मुलाकातों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पारस महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
मुलाकातों का मकसद
पशुपति पारस और लालू यादव के बीच इन बैठकों को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच हुई इन वार्ताओं को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इन बैठकों का उद्देश्य आगामी लोकसभा चुनावों के लिए संभावित गठबंधन पर चर्चा हो सकता है।
महागठबंधन में शामिल होने की संभावना
महागठबंधन, जिसमें राजद, जदयू, कांग्रेस और अन्य दल शामिल हैं, बिहार में भाजपा को हराने के लिए अपनी रणनीति को मजबूत कर रहा है। ऐसे में पशुपति पारस का महागठबंधन में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका हो सकता है। पारस के पास अपने समुदाय का समर्थन है, जो महागठबंधन को मजबूत कर सकता है।
चिराग पासवान पर दबाव
अगर पारस महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो इससे चिराग पासवान पर भी दबाव बढ़ेगा। चिराग अभी एनडीए के साथ हैं, लेकिन पारस के इस कदम से पासवान परिवार की राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना
बिहार में यह घटनाक्रम बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रहा है। अगर पारस महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं, तो यह आगामी लोकसभा चुनावों में बड़ा राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। फिलहाल, सभी की नजरें इन बैठकों के नतीजे पर टिकी हैं।