नगर पालिका की लापरवाही से पति की मौत, महिला ने जिला उपभोक्ता आयोग में 19.95 लाख का दावा किया

बागपत: शहर में आवारा कुत्तों का आतंक अब जानलेवा साबित हो रहा है। स्थानीय निवासी राजबीरी ने जिला उपभोक्ता आयोग में नगर पालिका परिषद के ईओ (कार्यकारी अधिकारी) के खिलाफ एक बड़ा मुआवजा दावा दाखिल किया है। उनका आरोप है कि नगर पालिका की लापरवाही और निष्क्रियता के कारण उनके पति की मौत हुई है। उन्होंने आयोग से 19 लाख 95 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है, जिसमें मानसिक क्षति, इलाज खर्च और वाद व्यय शामिल है।
राजबीरी ने बताया कि उनके पति को आवारा कुत्तों ने तब काट लिया था, जब वे सुबह टहलने के लिए निकले थे। कुत्तों के काटने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन समय रहते उचित इलाज न मिलने और संक्रमण फैलने के कारण उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि नगर पालिका का यह कर्तव्य है कि वह आवारा पशुओं, विशेषकर कुत्तों और बंदरों पर नियंत्रण रखे ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लेकिन बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
राजबीरी का कहना है कि यदि नगर पालिका समय रहते इन कुत्तों को पकड़ती और उनका प्रबंधन करती, तो उनके पति की जान बचाई जा सकती थी। अब वह इस दर्दनाक हादसे के लिए न्याय की मांग कर रही हैं और जिला उपभोक्ता आयोग में 19 लाख 95 हजार रुपये का मुआवजा दावा दाखिल किया है।
यह मामला अब जिला उपभोक्ता आयोग के विचाराधीन है और आगामी सुनवाई में यह तय होगा कि क्या नगर पालिका को इस मामले में जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।