दलाई लामा की उत्तराधिकारी पहचान पर भारत और चीन के बीच बढ़ी टकराव

दलाई लामा ने उत्तराधिकार के सवालों पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। उत्तराधिकारी की खोज उनकी मृत्यु के बाद होगी। उत्तराधिकारी चुनने की जिम्मेदारी गादेन फोड्रंग ट्रस्ट को दी गई है।
आज देश के विदेश मामलों में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिला—भारत सरकार ने साफ़ शब्दों में दलाई लामा या उनके संस्था (Gaden Phodrang Trust) को ही उनकी उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार दिया, और चीन की दावे से एकदम अलग रुख अपनाया ।
दरअसल दलाई लामा के उत्तराधिकारी की स्थिति को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है दोनों देशों के बीच मनमुटाव के साथ-साथ दलाई लामा कहीं ना कहीं एक मोहरी के रूप में साबित हो रहा है जो दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति को और भी अधिक बढ़ा रहा है।
दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से पहले उत्तराधिकार से जुड़े सवालों के जवाब दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे भी दलाई लामा होंगे यानी यह पवित्र संस्था जारी रहेगी। उनके असली उत्तराधिकारी की खोज उनकी मौत के बाद की जाएगी। इसका मतलब हुआ कि emanation की परंपरा नहीं अपनाई जाएगी।
इसमें दलाई लामा जीवित रहते ही अपना कोई वारिस चुन लेते हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि उत्तराधिकारी को चुनने से जुड़ी सारी प्रक्रिया की जिम्मेदारी दलाई लामा ने Gaden Phodrang trust को सौंपी है। यह अपेक्षित था। इस तरह से दलाई लामा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि अगर उनकी जगह चीन किसी को नियुक्त करता है, तो वह सच्चा और वैध नहीं होगा।
राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने पुष्टि की कि किसी बाहरी एजेंसी के पास उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार नहीं है।सिर्फ दलाई लामा या उनका आधिकारिक ट्रस्ट ही यह कार्य कर सकता है, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक-दिप्लोमैटिक संदेश है ।
14वें दलाई लामा ने साल 1959 में तिब्बत से निर्वासित होने के बाद से ही धर्मशाला को अपना केंद्र बना रखा है। यहीं वह उन तिब्बती बौद्ध अनुयायियों के साथ रहते हैं, जो या तो तिब्बत से आए थे या फिर भारत में पैदा हुए।
6 जुलाई को दलाई लामा का 90वां जन्मदिन है। इस मौके पर विभिन्न धर्म और सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों, मशहूर हस्तियों और उनके अनुयायियों का जुटान होगा। दुनियाभर में मौजूद तिब्बती बौद्ध धर्म को मानने वाले भी इस इवेंट पर नजर रख रहे होंगे।