गोंडा

जिलाधिकारी ने दवा सेवन कर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का किया शुभारंभ

*28 अगस्त तक 12 ब्लॉकों में घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा, 28 लाख से अधिक आबादी होगी सुरक्षित*

*गोंडा*

गोंडा जिले के गांधी इंटर कॉलेज में सोमवार को जिलाधिकारी प्रियंका रंजन ने सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं दवा का सेवन करते हुए सभी नागरिकों से अपील की कि जब आशा कार्यकर्ता दवा लेकर आएं तो वे भी दवा लें और अपने परिवार को भी प्रेरित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि यह दवा फाइलेरिया मरीजों के इलाज के लिए नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों को इस लाइलाज बीमारी से बचाने के लिए घर-घर खिलाई जाएगी।

जिलाधिकारी ने फाइलेरिया की गंभीरता बताते हुए कहा कि यह मच्छरों के माध्यम से फैलती है और इसके लक्षण 10 से 15 वर्ष बाद प्रकट होते हैं। जिले में अब तक 2,169 मरीज हैं, जिनमें 2,015 हाथीपांव (हाथ-पैर या महिलाओं के स्तन में सूजन) और 154 हाइड्रोसिल के मामले शामिल हैं। हाइड्रोसिल का ऑपरेशन संभव है, लेकिन हाथीपांव का कोई इलाज नहीं है। इसलिए दो वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को बचाव की दवा दी जा रही है।

12 ब्लाकों में चलेगा अभियान –

सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि मनिकापुर, रूपईडीह, तरबगंज और वजीरगंज ब्लॉक में संक्रमण नियंत्रण में है, इसलिए अभियान वहां नहीं चलेगा। बाकी 12 ब्लॉकों में 2,305 प्रशिक्षित टीमें माइक्रोप्लान के अनुसार 28.81 लाख से अधिक लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाएँगी।

खाली पेट नही दी जाएगी दवा –

सीएमओ ने बताया दवा खाली पेट नहीं दी जाएगी और दवा सेवन के बाद लाभार्थी की उंगली पर निशान लगाया जाएगा। गर्भवती, गंभीर बीमार और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवा नहीं खिलाई जाएगी। अभियान की निगरानी के लिए 385 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं।

सुरक्षित हैं दवाएं –

डॉ. वर्मा ने बताया कि दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। कुछ लोगों को हल्का बुखार, सिरदर्द या शरीर दर्द हो सकता है, जो पहले से मौजूद फाइलेरिया कृमियों के नष्ट होने की प्रतिक्रिया है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि व्यक्ति बीमारी से सुरक्षित हो रहा है। विशेष परिस्थितियों में चिकित्सकीय सहायता के लिए रेपिड रिस्पॉन्स टीम उपलब्ध है।

वीबीडी नोडल अधिकारी डॉ. सीके वर्मा ने कहा कि दवा सेवन से कोई वंचित न रहे इसके लिए माइक्रो प्लानिंग कर हर घर तक पहुंचने की रणनीति बनाई गई है। आशा कार्यकर्ताओं को सर्वे, हाउस मार्किंग, दवा सेवन और डेटा फीडिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। डीएम की अध्यक्षता में अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। गांवों, स्कूलों और राशन दुकानों पर बैनर, पोस्टर और पम्पलेट के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जा रही है। साथ ही, सीएचओ के नेतृत्व में गठित पीएसपी सदस्य झिझक वाले परिवारों से संवाद कर टीम का सहयोग कर रहे हैं ताकि दवा सेवन में कोई बाधा न आए।

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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